सूबे में इतिहास बना मनोरंजन कर विभाग, इस Department में बैठेंगे कर्मचारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मनोरंजन कर विभाग का विलय अब वाणिज्य कर विभाग में कर दिया गया है। ये विलय आज से ही मान्य हो जाएगा। इस नए नियम के लागू होते ही उत्तर प्रदेश में मनोरंजन कर विभाग का अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा।
राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को विभागों के विलय की संस्तुति दे दी। इसके बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। अधिसूचना जारी होने के बाद अब इंटरटेनमेंट कर विभाग के सभी कर्मचारी वाणिज्य कर विभाग के अधीन हो जाएंगे।
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दरअसल, जीएसटी लागू होने के बाद से सभी तरह के कर वसूलने का अधिकार वाणिज्य विभाग को सौंप दिया गया है। इंटरटेनमेंट कर विभाग के विलय के प्रस्ताव को बीती 6 फ़रवरी को कैबनेट ने मंजूरी दे दी थी। लेकिन अधिसूचना अब जारी की गई है।
चूंकि जीएसटी वाणिज्य कर विभाग के अधीन आता है इस वजह से अब मनोरंजन कर विभाग के सभी कर्मचारी इसी विभाग के अधीन आ जाएंगे। इसके बाद इनके पदनाम भी बदल जाएंगे। संयुक्त मनोरंजन कर आयुक्त अब संयुक्त वाणिज्य कर आयुक्त के नाम से जाने जाएंगे।
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मनोरंजन कर विभाग
बता दें कि मनोरंजन कर विभाग का गठन 1937 में अंग्रेजों ने किया था। अभी तक यह विभाग सभी तरह के मनोरंजन की मॉनीटरिंग करके प्रतिवर्ष सरकार को मनोरंजन कर के रूप में टैक्स वसूल कर देता था। यह विभाग मनोरंजन कर अधिनियम 1979 और नियमावली 1981 के अधीन काम कर रहा था।