
आगरा: प्यार और मोहब्बत का प्रतीक ताजमहल एक बार फिर अपने ‘गंदे’ सच को लेकर सुर्ख़ियों में है. हाल ही में शाहजहां की बर्थ एनिवर्सरी पर यहाँ कुछ ऐसा हुआ कि इसे देखने आने वाले सैलानी बेहद नाराज हो गए. ये सैलानी मुग़ल बादशाह और मुमताज की कब्र देखने के लिए ताजमहल आए थे.
ताजमहल का डर्टी सीक्रेट
ये सैलानी जब अंडरग्राउंड चैम्बर पहुंचे तो उनकी आँखों ने वो भयानक नजारा देखा कि उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि कब्र के ऊपर लगा मार्बल काला पड़ चुका है और आस-पास गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
इससे लोग काफी नाराज दिखे. उन्होंने इसकी शिकायत आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों से भी की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया. अधिकारियों ने इसे साफ़ करा देने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारियों से मुक्ति पा ली. अधिकारियों ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि इस वक्त चैंबर की रिपेयरिंग का काम हो रहा है.
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गाइड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शमशुद्दीन ने इस बात को झूठ बताया है. उनका कहना है कि एएसआई कब्र के चैम्बर की साफ़-सफाई का जरा भी ध्यान नहीं रखता.
2016 में भी ताजमहल की मीनारें गिर गई थीं. उस वक्त संभावना जताई गई थी कि साफ-सफाई के काम का असर पड़ने के कारण ऐसा हुआ. हालांकि, पुरातत्व विभाग ने बंदरों को इसकी वजह बताया था.
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जानकारों की मानें तो जिन लोहे की रॉड के सहारे ताजमहल की मीनार और दीवारें खड़ी हैं वो प्रदूषण के कारण कमजोर हो रही हैं. इन रॉड ने पत्थरों से ग्रिप छोड़ दी है. यदि इस चैम्बर को हमेशा टूरिस्ट के लिए खोला जाए तो इसकी देख-रेख बेहतर तरीके से हो सकती है.
अब सवाल ये उठता है कि आखिर सरकार कब तक इस चेंबर को आम जनता के लिए खोलेगी? खोलेगी भी या नहीं? खैर जो भी हो लेकिन सांस्कृतिक विरासतों का संरक्षण सरकार का काम है. अगर ऐसे ही होता रहा तो प्यार और मोहब्बत की निशानी ताजमहल के निशान भी एक दिन खोज का हिस्सा बन जाएंगे.