मिशन 2019 : चक्रव्यूह तोड़ने को मास्टर प्लान तैयार! भाजपा के पैतरे पर कांग्रेस काटेगी मोदी लहर?

नई दिल्ली। सियासी गलियारे में उथल पुथल का माहौल है। हर जगह एक दूसरे को गिराने और खुद को उठाने का दौर जारी है। सभी राजनीतिक पार्टियों का एक मात्र लक्ष्य अब बस आगामी लोकसभा चुनाव है। जिस पर सभी दलों का भाविष्य टिका हुआ है। जहां एक ओर भाजपा अपनी बुलंदियों को एक नया आयाम देने की तैयारी में है। वहीं कांग्रेस अपनी खोई हुई साख को दोबारा हासिल करने को आतुर है। सभी विपक्ष इसी मत में हैं कि सभी एकता और एकजुटता के साथ भाजपा के चल रहे महाचक्र को तोड़ने की तैयारी में है। हालांकि राजनीतिक स्तर पर अपना-अपना प्रभुत्व बरकारार रखने की इस होड़ में विपक्ष लाख कोशिशों के बाद असफल ही होता आया है। फिर भी साल 2019 नया इतिहास रचने को तैयार है।

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आगामी लोकसभा चुनाव

कांग्रेस पार्टी अब किसी भी चूक की गुंजाईश में नहीं है। इस लिए अब वह उसी ट्रेंड पर चलने को तैयार है, जिसे अपना कर भाजपा ने देश में भगवा परचम लहराया है।

खबरों के मुताबिक़ भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने भी बूथ मैनेजमेंट में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल शुरू कर दिया है।

बता दें इसकी शुरुआत विधानसभा चुनावों से की जाएगी। इसके लिए मुख्‍य विपक्षी पार्टी ने पहले कार्यकर्ताओं की पहचान सुनिश्चित करने का अभियान शुरू किया है।

इसके साथ ही स्विंग बूथ और समर्पित वोटरों की भी पहचान की जाएगी। सार्वजनिक तौर पर उपलब्‍ध आंकड़ों के जरिये कोर वोट बेस का पता लगाया जाएगा और इन आंकड़ों की मदद से विभिन्‍न राजनीतिक मसलों पर मतदाताओं के मूड का पता लगाने के लिए सर्वे भी कराया जाएगा।

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खबरों के मुताबिक़ कांग्रेस इस डाटाबेस के सहारे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जनता से सीधा संवाद भी कर सकेगी।

बताया जाता है कि इस प्रक्रिया के जरिये पार्टी जमीनी स्‍तर पर कार्यकर्ताओं और मतदाताओं से सीधे जुड़ेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्‍ली और राजस्‍थान में इसकी शुरुआत कर दी गई है। राजस्‍थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद इस अभियान को मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍यों तक भी ले जाया जाएगा।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह के नेतृत्‍व में पार्टी पहले से ही माइक्रो लेवल तक बूथ मैनेजमेंट का काम कर रही है, जिसका नतीजा भी दिखा है।

वहीं कांग्रेस अपनी खोई साख को हासिल करने के लिए अमेरिकी पार्टियों की तर्ज पर सीधे मतदाताओं से संपर्क साधने की तैयारी में है।

आगामी लोकसभा चुनावों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए कांग्रेस ने सभी तरह के आंकड़ों को डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू की है।

पहले चरण में बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं की पहचान कर उनसे एक साझा डिजिटल प्‍लेटफॉर्म ‘शक्ति’ के जरिये सीधे संपर्क साधा जाएगा।

दूसरे चरण में पिछले पांच चुनावों के बूथ लेवल के आंकड़ों को डिजिटल किया जाएगा। इसके जरिये यह पता लगाया जाएगा कि कांग्रेस कहां मजबूत है और कौन से स्विंग बूथ हैं जिनपर अतिरिक्‍त ध्‍यान देने की जरूरत है।

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पार्टी मतदाता पत्र से आंकड़े जुटाएगी, जिसका सरकारी कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले लोगों की सूची से मिलान किया जाएगा।

इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्‍मेदारी नवगठित डाटा एनालिटिक्‍स डिपार्टमेंट को सौंपी गई है। इसमें स्‍वतंत्र विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी।

प्रोजेक्‍ट में लगे कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी को जहां का ब्‍योरा नहीं मिलेगा वहां पार्टी कार्यकर्ताओं को लगाया जाएगा। उन्‍हें मतदाताओं के घरों में जाकर उनका प्रोफाइल तैयार करने को कहा जाएगा।

खबर है कि इसी ट्रेंड का इस्तेमाल करते हुए कांग्रस ने बीते गुजरात चुनावों में भाजपा को कांटे की टक्कर दी थी। लेकिन पूरी तरह से सफल हो पाने में नाकाम रही।

अब आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस करो या मरो की स्थिती में है और मतदाताओं के रुझान को वापस अपनी और करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

फिलहाल जो भी हो नतीजा तो समय आने पर ही दिखेगा की किसकी मेहनत रंग लाती है और कौन हार को गले लगाकर अपनी कमियों को कोसता है।

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