4 साल के ‘बाबू’ ने किया वो कारनामा जिसके लिए तरसते हैं पुलिस वाले

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक बाबू नाम के कुत्ते की चर्चा इस समय ज़ोरों पर है और हो भी क्यों न बाबू ने जो सम्मान पाया है उस सम्मान के लिए हर कोई तरसता है। दरअसल, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में पिछले महीने 61वीं ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट आयोजित की गई थी। इस दौरान डॉग कॉम्पिटिशन में बाबू ने गोल्ड मेडल हासिल कर सबका दिल जीत लिया है।

दिल्ली पुलिस

चार साल के लैब्राडोर डॉग के संरक्षक पवन कुमार ने बताया कि वहां ‘बाबू’ ने इस तरह जीत दर्ज की जैसे वहां इसके मुकाबले में कोई था ही नहीं। वहीँ अपनी इस जीत से बाबू ने दिल्ली पुलिस की स्क्वॉड टीम को डॉग कॉम्पिटिशन के तहत ट्रैकिंग टेस्ट में पहला गोल्ड मेडल दिलाया है।

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इस प्रतियोगिता में पिछले कई वर्षों के रैंक होल्डर्स को हराकर स्टार बने बाबू से मिलने के लिए कई लोग आ रहे हैं और उसके हैंडलर को ढेरों बधाइयां देते नहीं थक रहे। ख़ास बात ये है कि बाबू ने इस प्रतियोगिता में पहली बार भाग लिया था।

पवन कुमार ने बताया कि “वह पिछले एक साल से अपना पूरा ध्यान ट्रेनिंग पर लगा रहा है। हमने उसे कॉम्पिटिशन की हर ऐक्टिविटी की प्रैक्टिस कराई जैसे खाने को इनकार करना और सूंघकर पहचान करना”।

उसके हैंडलर पवन ने बताया, ‘बाबू को शो-ऑफ पसंद है, वह अटेंशन सीकर है। जब उसे पता हो कि सभी की नजरें उस पर है वह अपना बेस्ट देता है।’ देशभर से पुलिस डॉग स्क्वॉड की 35 टीमें इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेती हैं जिसमें कई चरण होते हैं- आज्ञापालन टेस्ट, खाने को इनकार, हर्डल्स- 3 फीट की ऊंचाई वाले दो हर्डल से होकर गुजरना, देखना और ढूंढना। गंध की पहचान और शीशे पर चलना।

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वहीं दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम (सीआरओ) रंजन भगत ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस बार मुख्य कारण मेडल जीतने पर पूरा ध्यान केंद्रित करना था। इस साल की ट्रेनिंग भी मेडल जीतने पर फोकस की गई थी।’ बाबू की खास बात यह है कि वह अपने हैंडलर की अनुमति के बिना कभी खाना नहीं खाता।

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