इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश ‘राजनैतिक’ प्रतिशोध : ममता

ममताकोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने शुक्रवार को इतिहास को विकृत करने की कोशिश को एक ‘अपराध’ करार दिया और कहा कि यह एक ‘राजनैतिक प्रतिशोध’ है। ममता ने 78वीं इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस में कहा, “मैं हमेशा से इतिहासकारों..और सच के पक्ष में रही हूं। सच की जीत होनी चाहिए। इतिहास को विकृत करना और तथ्यों को गढ़ना एक बड़ा अपराध है।”

मुख्यमंत्री ने ‘इतिहास को फिर से लिखने की प्रवृत्ति’ को एक राजनैतिक प्रतिशोध करार दिया।

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उन्होंने कहा, “..फिर हमारे विद्वान और इतिहासकार किस लिए? अगर हम अतीत नहीं देख सकते तो हम भविष्य का आकलन कैसे करेंगे। अगर आप राजनैतिक बदले की भावना के नाम पर इतिहास लिखना शुरू कर देंगे तो फिर हमारी भावी पीढ़ियों का क्या होगा?”

ममता ने इतिहासकारों के एक हिस्से द्वारा ‘इतिहास को विकृत करने’ को लेकर जताई गई चिंताओं के साथ सहमति जताई।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इतिहास सच है। यह हमारे दिलों को छूता है। आप अभिलिखित (रिकार्डेड) इतिहास को विकृत नहीं कर सकते। मुझे पता है कि इतिहासकार नाखुश हैं। मैं आज के हालात जानती हूं। हमें अपने संघीय ढांचे और संविधान पर गर्व करना चाहिए। सच को हमेशा सच रहना चाहिए।”

इस बात पर जोर देते हुए कि ‘यह एक पार्टी का शासन (वन पार्टी रूल)’ नहीं है, उन्होंने इतिहास को ‘विकृत करने की कोशिशों’ को ‘एक सुनियोजित इरादे’ से जोड़ा।

ममता ने कहा, “मुझे दुख होता है यह देखकर कि दोबारा लिखा जाना (इतिहास का) जारी है। यह एक सोचा समझा मकसद है, जब हम देखते हैं कि महात्मा गांधी को देशभक्त नहीं भी बताया जा सकना संभव है जबकि गोडसे एक देशभक्त है।”

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