सावधान… इन हालतों के चलते आपको 250 रुपए में मिलेगा एक लीटर पेट्रोल!

एक लीटर पेट्रोलनई दिल्ली। इस बढ़ती महंगाई में अगर आपसे कोई एक लीटर पेट्रोल के लिए 250 रुपए चुकाने को कहे तो आपका गुस्सा होना लाजमी है लेकिन अब इस बात को सुनकर हैरत में पड़ने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि ईरान और सऊदी अरब के बीच बन रहे युद्ध जैसे हालात इस बात को और पुख्ता कर रहे हैं। दरअसल, पूर्व के इन दो ताकतवर देशों के बीच हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दोनों देश धर्म से लेकर तेल और इलाके में दबदबा कायम करने तक, हर बात पर झगड़ते रहते हैं।

अगर ऐसा हुआ तो ये न केवल आपकी जेब पर भारी बोझ पड़ेगा, बल्कि, सरकार के बजट को भी बिगाड़ कर रख देगा। जिससे महंगाई कई गुना तक बढ़ जाएगी और आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

अगर सऊदी अरब और ईरान के बीच युद्ध होता है तो इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दाम 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में एक लीटर पेट्रोल का भाव भारत में 250 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा। जोकि मौजूदा मूल्य से लगभग 4 गुना अधिक होगा।

केडिया कमोडिटी के एमडी अजय केडिया ने बताया कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दाम 200 डॉलर प्रति बैरल हो जाते हैं तो भारत में पेट्रोल का भाव 250 रुपए प्रति लीटर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इसकी आशंकाएं फिलहाल कम हैं, क्योंकि दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड इंपोर्टर अमेरिका भी अब क्रूड एक्सपोर्ट करने लगा है। वहीं, चीन और अन्य कई देशों में क्रूड डिमांड में कोई बड़ा इजाफा देखने को नहीं मिला है।

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केडिया के मुताबिक, ज्यादातर देश अब इलेक्ट्रिक व्हीकल पर शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे हैं। इसीलिए आगे चलकर डिमांड कम ही होगी’।

उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के दाम लगातार बढ़ ही नहीं रहे हैं बल्कि ढाई साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। फिलहाल ब्रेंट क्रूड का दाम 62 डॉलर प्रति बैरल है।

आखिर क्यों नहीं बनती ईरान-सऊदी में

जनवरी 2016 में सऊदी अरब में एक प्रमुख शिया मौलवी निम्र अल निम्र को मौत की सजा दी गयी। उन पर सरकार विरोधी प्रदर्शन भड़काने के आरोप लगे। ईरान ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए ईरान में सऊदी राजनयिक मिशन पर हमले किये। जिसपर सऊदी अरब ने ईरान से अपने राजनयिक रिश्ते तोड़ लिये।

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इससे पहले भी बढ़ चुके हैं दाम

1973 में अरब-इस्राएल युद्ध के दौरान तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने तेल के दाम बहुत बढ़ा दिये थे। उस समय क्रूड के दाम अचनाकर 25 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 55.51 डॉलर प्रति हो गए थे। अरब तेल उत्पादक देशों ने इस्राएल समर्थक समझे जाने वाले देशों पर रोक लगा दी, जिनमें अमेरिका भी शामिल था।

वहीँ सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक क्रूड ऑयल सप्लाई करने वाले सभी देशों में सऊदी अरब का कुल 20 फीसदी हिस्सा है। ऐसे में अगर सऊदी और ईरान के बीच तनाव बढ़ता है, तो सप्लाई थम जाएगी और देश को महंगाई की बोझ तले दबना पड़ जायेगा।

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