Movie Review: सिर्फ इस वजह से जाएं डैडी के पास
फिल्म– डैडी
रेटिंग– 2.5
सर्टिफिकेट– U/A
अवधि– 2 घंटा 14 मिनट
स्टार कास्ट– अर्जुन रामपाल, ऐश्वर्या राजेश, निशिकांत कामत, फरहान अख्तर
डायरेक्टर– आशिम आहलूवालिया
प्रोड्यूसर– अर्जुन रामपाल
म्यूजिक– साजिद-वाजिद
कहानी– फिल्म गैंगस्टर से पॉलिटीशियन बनें अरुण गुलाब गावली पर आधारित है। कहानी में दिखाया गया कि एक मिल मजदूर के बेटा अपनी परिस्थिती और गरीबी की वजह से गलत काम करना शुरू कर देता है। वह जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने के लिए मटका गैम्बलिंग और हफ्ता वसूली जैसे काम करने लगता है। गलत काम करते करते वह मर्डर भी करने लगता है। उसकी खुद की एक गैंग बनती है, जिसका नाम BRA होता है।
आगे चलकर अरुण अपना खुद का काम करने की सोचता है। इससे पहले वह यह सब काम ‘भाई’ (दाउद) के लिए करता था। हालांकि फिल्म में कहीं भी दाउद के नाम का इस्तेमाल नहीं हुआ है। यहीं से भाई और अरुण के दुश्मनी ठन जाती है। खून खराबा काफी हद तक बढ़ जाता है।
ऐसे ही कहानी आगे बढ़ती है। अरुण और आशा के बीच रोमांटिक ट्रैक दिखता है। मुंबई हमलों के दौरान अरुण की अच्छी और सबकी मदद करने वाली छवी देखने को मिलती है। ट्विस्ट एंड टर्न के साथ उसकी पॉलीटिक्स में एंट्री होती है। गैंगस्टर से डैडी और उसके बाद एमएलए बनने के सफर को दिखाया गया है।
यह भी पढ़ें: गणपति विसर्जन के बाद रणदीप हुड्डा ने की सफाई, कहा- इको फ्रेंडली बनो
एक्टिंग– पर्दे पर अर्जुन रामपाल को देखकर यकीन नहीं होता कि यह खुद वह हैं। अरुण के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है। अरुण के बोल-चाल के रवैये को बहुत अच्छे से अपनाया है। अर्जुन भले ही अरुण के किरदार को निभाने में सक्षम रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं निशिकांत कामत की एक्टिंग उनपर भारी पड़ती नजर आई है। इंस्पेक्टर के किरदार में निशिकांत ने उम्दा एक्टिंग की है। ऐश्वर्या राजेश ने भी अच्छी एक्टिंग की है।
यह भी पढ़ें:वायरल वीडियो: शराब के नशे में इस बॉलीवुड सिंगर पर चढ़ा खुमार, स्टेज पर ही…
डायरेक्शन– फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। मार-धाड़ और एक्शन वाले सीन बुरे नहीं लगते हैं। कहानी की पकड़ कमजोर लगती है। कहानी में कुछ नया नहीं है। पिछली गैंगस्टर फिल्मों की याद दिलाती है जहां इंसान को नहीं परस्थितियों को गलत ठहराया गया है।
म्यूजिक– फिल्म का म्यूजिक दर्शकों के बीच जगह बनाने में बिल्कुल भी कामयाब नहीं हो पाया है। फिल्म में गिने चुने ही गाने हैं। ‘ईद मुबारक’ और ‘गणपति आला’ कुछ ठीक हैं। डिस्को सॉन्ग बहुत ही नीरस है।
देखें या नहीं– अच्छी एक्टिंग देखने के लिए और अरुण गावली की जिंदगी से रुबरू होने के लिए इस फिल्म को देखने सिनेमाघर जा सकते हैं।