जीएसटी क्रियान्वयन की तिथि आगे बढ़ाने का कोई कारण नहीं : जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्रीनई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक सरल अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है और एक जुलाई से इसे लागू करने की तिथि को आगे बढ़ाने का कोई कारण नहीं है। जेटली ने सीएनबीसी टीवी18 से कहा, “सभी प्रक्रियात्मक मामलों में निर्णय लिए जा चुके हैं, तेजी से पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में मैं इसे एक जुलाई से लागू करने के लक्ष्य को पूरा नहीं करने का कोई कारण नहीं देखता हूं।”

पश्चिम बंगाल के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की व्यावहारिकता पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है।

हालांकि जेटली ने कहा कि दूसरे राज्यों के वित्तमंत्री मित्रा की राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं।

जीएसटी का विकास दर पर किसी नकारात्मक असर से इनकार करते हुए जेटली ने कहा कि शुरुआत में इसे लागू करने के दौरान कुछ परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन वास्तव में इससे निर्धारिती आधार और कर आधार में बढ़ोतरी होगी।

जीएसटी परिषद ने सभी वस्तुओं और सेवाओं की करों की दरों का निर्धारण कर लिया है। हालांकि 11 जून को परिषद की अगली बैठक में कर दरों में बदलाव के लिए मिले विभिन्न अनुरोधों और सुझावों पर विचार किया जाएगा।

जेटली ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत सभी चीजों पर एक समान कर व्यावहारिक नहीं है। लक्जरी, सिन उत्पाद और खाद्य पदार्थ सभी को एक ही दर की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

वित्त मंत्री ने कहा, “यह असली प्रणाली है और जटिल नहीं है। हमने आम आदमी के इस्तेमाल के सभी खाद्य पदार्थो पर करों की दर शून्य रखी है। इसी प्रकार से हमने कपड़ों-जूतों पर वर्तमान दरें ही रखी है, लेकिन 500 से कम के जूते-चप्पलों तथा 1,000 रुपये से कम के परिधानों पर कर में कमी की है।”

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