
नई दिल्ली| दो नए जिले बनाने की मांग को लेकर मणिपुर में 48 दिन से यूनाइटेड नगा काउंसिल का विरोध और नाकेबंदी जारी है| मणिपुर में नाकेबंदी के चलते इम्फाल से सटा ये इलाका जरूरी सामान की भारी किल्लत से जूझ रहा है| नगा काउंसिल ने यहाँ हाइवे जाम कर रखा है तो दंगों की आशंका के मद्देनज़र इस इलाके में सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया गया है|
मणिपुर में नाकेबंदी
रविवार को यह आन्दोलन इतना बढ़ गया कि इम्फाल वेस्ट रीजन में सरकार को मोबाइल और इंटरनेट सर्विस पर रोक लगानी पड़ी है| सरकार को डर है कि प्रदर्शनकारी मोबाइल और सोशल मीडिया की मदद से अपनी स्ट्रैटजी बना कर और ज्यादा बवाल काट सकते हैं|
कानून व्यवस्था में बाधा न आए इसके मद्देनजर इम्फाल ईस्ट रीजन के लमलोंग बाजार सहित कई इलाकों में धारा 144 लागा दी गई है| इससे पहले 12 दिसंबर को होम मिनिस्ट्री ने नगा काउंसिल से नाकेबंदी वापस लेने की मांग की थी| सरकार का कहना था कि इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है| लेकिन नागा काउंसिल ने इनकार कर दिया था।
सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए पिछले दिनों सिक्युरिटी फोर्सेस की 30 कंपनियां राज्य सरकार को मुहैया कराई हैं| ताकि नाकेबंदी को हटवाया जा सके लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं|
ये है पूरा मामला
नगा काउंसिल ने सदर हिल्स और जिरिबाम को जिला बनाने मांग रखी और नाकेबंदी का एलान कर दिया| काउंसिल ने प्रदर्शन करते हुए एक नवंबर से इम्फाल-दिमापुर और इम्फाल-जिरिबाम नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया| इसके चलते इम्फाल में जरूरी समानों की सप्लाई रुक गई|
इलाके में पेट्रोल की कीमतें 300 रुपए प्रति लीटर तक पहुँच गईं और लोग परेशानी से जूझने लगे| 48 दिन बाद भी हजारों ट्रक और तेल टैंकर असम से मणिपुर की ओर आने वाले इस हाईवे पर फंसे हैं|