9 सौ करोड़ से अधिक के अवैध खनन की जाँच सातवें दिन भी जारी, स्थानीय निवासियों के बयान भी दर्ज

REPORT:-VINEET KUMAR TIWARI/HAMIRPUR

9 सौ करोड़ से अधिक के अवैध खनन की जाँच करने वाली सीबीआई की आज सातवे दिन भी जाँच प्रक्रिया चालू है. अब सपा सरकार के बाद सीबीआई की जांच अब बसपा सरकार की ओर बढ़ती जा रही है. सीबीआई ने कल खनन क्षेत्रो का जायजा लिया और किसानो सहित वंहा स्थानीय निवासियों के बयान भी दर्ज किये.

जिसमे कई बाते सामने निकल आ रही है. इस जाँच में बसपा सरकार में हुए अवैध खनन की जानकारी सीबीआई ने ली सीबीआई इन सब बिन्दुओ पर बारीकी से जाँच कर रही है कयास ये भी लगाया जा रहा है की बसपा शासन के कई विभागीय अधिकारियो पर गाज गिर सकती है.

खनन की जांच

सपा सरकार में हुए अवैध खनन की जाँच कर रही सीबीआई ने अब नया मोड़ ले लिया है सीबीआई दो दिनों से मुस्करा और सरीला के पास स्थित बिरमा और बेतवा नदी में बने मौरंग खनन के घाटो का निरीक्षण कर किसानो से उस दौरान हुए अवैध खनन की जानकारी ले रही है. किसानो ने बताया की २००९ से २०१२ तक जब मायावती की सरकार थी.

उस दौरान यहा पर भरी मात्रा में लिफ्टर और पोक्लैंड लगाकर अवैध खनन किया जाता था जिसकी शिकायत कई बार जिम्मेदार अधिकारियो से करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती थी. सीबीआई ने ऐसे ही कई किसानो और स्थानीय निवासियों के बयान दर्ज कर आगे की जाँच शुरू कर दी है.

इन सब में वन विभाग की  भी एहम भूमिका रही है क्यों की खनन पट्टो में एनजीटी की रोक के बाद भी बड़े बड़े पट्टो को छोटे छोटे भागो में बाटकर इन्हे मौरंग माफियाओ को जिले लेविल पर एनओसी देने का काम किया था.

बसपा सरकार में जब मायावती की सरकार अपना आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी थी तभी हमीरपुर में 10 मौरंग खनन पट्टो का एनओसी जारी की गयी थी जिसमे 2010 में सारे मोरंग खनन पट्टो पर एनजीटी ने रोक लगा दी इसके बावजूद 2 पट्टो की आड़ में 25 स्थानों पर भारी मात्रा में अवैध खनन किया गया जोकि पुरे 9 महीनो तक चला.

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सीबीआई ने दोनों खदानों के रवन्ना को अपने कब्जे में ले लिया है. मौरंग माफियाओ ने इन खनन पट्टो के आसपास किसानो की निजी भूमि में भी अपने हाथ पसारे और उन जमीनों के सीने को चीर कर मौरंग निकाल ली इससे करीब २००० किसान प्रभावित हुए. सीबीआई अब इन्ही सब को देखते हुए अपनी जाँच प्रक्रिया आगे बढाती जा रही है.

अभी तक सीबीआई ने कई मौरंग खनन माफियाओ अधिकारियो और विभागों के कर्मचारियों से बयान दर्ज किये है जिसमे सपा एमएलसी रमेश मिश्रा उनके भाई दिनेश मिश्रा और तत्कालीन डीएफओ ललित गिरी और खनिज विभाग के प्रधान लिपिक राम औतार सहित कई वादी शामिल है.

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