5 साल बाद चिंता देवी बनकर लौटी गुलशन खातून, गुनहगार तलाश रही पुलिस

रिपोर्ट- मनोज चतुर्वेदी

बलिया: यूपी के बलिया से एक खबर ऐसी जिसे देख कर आप भी दंग रह जाएंगे 5 साल पहले शिवचर्चा में ढोलक बजाने अपने पड़ोसन के साथ गयी नाबालिग गुलशन खातून कैसे चिंता देवी बन गयी। कहानी फिल्मी नहीं हकीकत है।

गुलशन खातून

21 सितंबर 2013 से रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के कुरेम  गावं  से गायब गुलशन खातून जब अपने घर नहीं लौटी तो मामला पुलिस के पास गया लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर फाइनल रिपोर्ट लगा कर अपना पल्ला झाड़ लिया।

वहीं बलिया पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुके गुलशन के परिजनों को उस वक्त एक उम्मीद जगी जब ADG रसड़ा थाने के निरीक्षण में पहुंचे तो गुलशन के चाचा ADG के पैर पर गिर गए और उनसे न्याय की गुहार लगा दिए। हालांकि adg ने 15 दिन में गुलशन को खोज निकालने का भरोसा दिया।

टीवी पर जब ये खबर चली तो लड़की ने खबर देख कर अपने चाचा को पहचान लिया और गूगल पर सर्च  क्षेत्रीय विधायक को फ़ोन कर घर वालों को अपना पता  बताया  अब  पुलिस ने गुलशन को बिहार के बेतिया से बरामद कर लिया है।

जैसे आंधी में तिनकों के ठिकाने का पता नहीं होता वैसे ही बलिया के रसड़ा कोतवाली के कुरेम  गांव की गुलशन खातून की ज़िंदगी में भी तूफान आया और अचानक गुलशन गायब हो गई।

21 सितम्बर 2013 को उसके पिता जलालुद्दीन ने रसड़ा कोतवाली में बेटी की गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कराया। दरअसल जिस दिन गुलशन गायब हुई उसी दिन वो गावं में हो रहे शिवचर्चा में ढोलक बजाने गई थी। परिवार गुलशन की खोज में जुटा रहा पर गुलशन नहीं लौटी।

9 अप्रैल 2018 को  रसड़ा कोतवाली का  निरीक्षण करने अपर  पुलिस महानिदेशक वीपी रमा शास्त्री पहुंचे तभी गुलशन के चाचा कमालुद्दीन ने ADG  का पैर पकड़ लिया और गुलशन को ढूढ़ने की गुहार लगाईं ADG  के आदेश पर बलिया पुलिस ने गुलशन की खोजबीन शुरू की और पांच साल बाद गुलशन खातून बिहार के पश्चिमी चम्पारण के रमना गांव में चिंता देवी के रूप में मिली।

गुलशन खातून की ज़िंदगी बदल चुकी थी। बलिया पुलिस ने जब बिहार जाकर गुलशन को बरामद किया और बलिया वापस लाई तो गुलशन ने खुलासा किया की पांच साल पहले गांव की मीना और कुछ लोगों ने उसे बिहार ले जाकर बेच दिया।

गुलशन के मुताबिक, उसकी शादी एक हिन्दू परिवार में हो गई और उसके दो बच्चे हैं। मीडिया में जब उसने अपने परिवार वालों को ADG का पैर पकड़े देखा तो उसने किसी तरह संपर्क करने की कोशिश की पर अब वो चिंता देवी ही बनकर रहेगी। गुलशन के परिवार वाले अपनी बेटी को पाकर खुश है।

गुलशन  की कहानी महज गुमशुदगी और बरामदगी की नहीं है ये कहानी है देश में लड़कियों को खरीदने और बेचने  के उस घिनौने कारोबार की जिसने ना जाने कितनी  ही बेटियों की ज़िंदगी बर्बाद की।

पुलिस के मुताबिक़ गुमशुदा गुलशन चिंता देवी के रूप में अपने पति के साथ खुश है।  मजिस्ट्रेट के सामने बयान के बाद बलिया पुलिस ने उसे पति के साथ रहने की इज़ाज़त दे दी है पर मामले की जांच भी कर रही है की गुलशन को बेचने वाले कौन थे और कही पुलिस ने जांच में कोई गलती तो नहीं की थी।

 

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