
26/11/2008 को आतंकियों द्वारा मुंबाई में आक्रामक हमला किया गया था। उसकी सालगिराह भी आने वाली है जिसको लेकर पीएम मोदी ने हमले की अशंका जताई साथ ही उनके हमले को विफल कर देने वाली सुरक्षा बलों का मोदी ने मनोबल बढ़ाया। मोदी के द्वारा प्रशंसा किये जाने पर भारतीय नौसेना ने बीते शुक्रवार को यह दावा किया कि समुद्र के रास्ते से होने वाले किसी भी हमले के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह से तैयार है। वहीं इसी कड़ी में भारतीय नौसेना उप-प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार (Murlidhar Sadashiv Pawar) ने कहा कि भारतीय नौसेना समुद्र में होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर नजर गढ़ाए हुए हैं वहीं उसका जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम है।

यदि बात करें एमएस पवार की तो उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि 5 दिन बात 26/11 को हुए हमले के 12 साल पूरे हो रहे हैं इस पर कई आतंकी संगठनों ने हमले की योजना बना रहे हैं जिसे आने वाली 26 तारीख को अंजाम दिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बार भारतीय नौसेना उनके हर हमले का करारा जवाब देगी वहीं हमले को विफल करने के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं।

एमएस पवार ने कहा कि हमारी नौसेना अतंकी पर भारी पड़ेगी वहीं किसी भी आतंकी वारदात के लिए वह पहले से ही तैयार है। साथ ही एमएस पवार ने कहा कि, ” पूरे देश को भरोसा देना चाहता हूं कि भारतीय नौसेना अपने अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर ऐसी कोई भी चुनौती चाहे समुद्र में या समुद्र के रास्ते अगर आएगी तो हम उस पर भारी पड़ेंगे और हराने में कामयाब रहेंगे।”

बताया जा रहा है कि यदि जम्मू-कश्मीर के नगरौटा में उन 4 आतंकियों को मारा ना जाता तो इन आतंकियों के हौंसले बुलंद हो जाते साथ ही ये 26/11 को एक और हमले को मुंबाई जैसे बड़े शहर में अंजाम दे सकते थे। इस विषय पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को एक बैठक का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने इस को लेकर चर्चा भी की। पीएम मोदी ने इस बैठक के बाद एक ट्वीट भी किया था।
पीएम के इस ट्वीट में लिखा था कि, ‘पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 4 आतंकियों का सफाया और उनके पास भारी मात्रा में हथियारों और विस्फोटकों की मौजूदगी से संकेत मिलता है कि बड़ी तबाही मचाने के उनके प्रयासों को एक बार फिर नाकाम कर दिया गया है। हमारे सुरक्षा बलों ने फिर वीरता और पेशेवर अंदाज दिखाया, जिनके पराक्रम और सतर्कता के कारण, जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रयासों को खत्म करने की साजिश को हराया गया है।’