2023 तक मुंबई- अहमदाबाद रुट पर हाई स्पीड दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
भारतीय रेल अब निजी ट्रैक पर चलने की राह पर चल चुकी है। पहली बार रेलवे ने पूर्ण रूप से ट्रेनों के कोच निर्माण, ट्रैक निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव बजट में किया है। तीव्र विकास सुनिश्चित करने का हवाला इसके लिए दिया गया है। पूरे रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने के लिए सरकार ने 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया। बजट में 2022 तक डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा। इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद रेल यात्रियों के लिए चलने वाली ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी क्योंकि मालगाड़ी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चलेगी।
यात्रियों के लिए भी बड़ी राहत
प्रदूषण मुक्त अभियान के तहत ग्रीन एनर्जी पर फोकस
रेलवे प्रदूषण मुक्त अभियान के तहत ग्रीन एनर्जी पर फोकस करेगा। इसके तहत पुराने डीजल इंजनों का आधुनिकीकरण कर उन्हें इलेक्ट्रिक इंजन बनाने के साथ सिर्फ इलेक्ट्रिक इंजन का ही निर्माण करेगा। सुरक्षा को ध्यान में रख ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम व यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम तकनीक के सहारे सिग्निलिंग सिस्टम ठीक किया जाएगा। रेलवे स्टेशन मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब की तरह तैयार किया जाएगा। लोगों को रेलवे स्टेशन से ही सभी तरह के परिवहन साधन उपलब्ध होंगे।