पाक में मानवाधिकारों का उल्लंघन

pवॉशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्तान में सुरक्षा बलों के आतंकवाद विरोधी अभियानों में मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के आरोपों को लेकर चिंतित है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रुडो ने कहा, हमने सैन्य हिरासत में उनकी (एक पाकिस्तानी नेता) मौत की रिपोर्ट देखी है और हम आपसे उनकी मौत से जुड़े घटनाक्रमों की और अधिक किसी भी सूचना के लिए पाकिस्तान से संपर्क करने को कहेंगे।
वह मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता आफताब अहमद की मौत से जुड़े एक प्रश्न का जवाब दे रही थीं जिनकी मौत रेंजर्स अर्धसैन्य बल की हिरासत में विवादास्पद परिस्थितियों में हुई। एमक्यूएम ने पाकिस्तान रेंजरों पर एक्स्ट्रा जुडीशियल हत्या का आरोप लगाया है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार रेंजर्स के महानिदेशक (डीजी) मेजर जनरल बिलाल अकबर ने स्वीकार किया कि एमक्यूएम नेता को रेंजर्स ने हिरासत में प्रताड़ित किया लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
एलिजाबेथ ने कहा, पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी मुश्किल और अहम अभियान चलाता है लेकिन अमेरिका पाकिस्तान में मानवाधिकार के घोर उल्लंघन के आरोपों को लेकर चिंतित है। एलिजाबेथ ने कहा, हम आतंकवाद
विरोध एवं सुरक्षा सहयोग पर जारी वार्ताओं के रूप में सैन्य और असैन्य माध्यमों से पाकिस्तान सरकार के साथ इन चिंताओं पर लगातार चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा, उच्च स्तर पर होने वाली वार्ताओं समेत इन वार्ताओं में जोर दिया जाता है कि बल का किसी भी तरह से अत्यधिक या न्यायेतर प्रयोग या तय प्रक्रिया एवं कानून व्यवस्था का उल्लंघन अंततः पाकिस्तान के लोकतंत्र और लंबे समय से चल रहे आतंकवाद विरोधी प्रयासों को कमजोर करता है। एमक्यूएम ने पिछले हफ्ते विदेश विभाग और अमेरिकी सांसद को दिए एक ज्ञापन में आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी सेना और उसके अर्द्धसैन्य रेंजर्स कराची में मुहाजिर समुदाय पर अत्याचार कर रहे हैं। उसने कहा, पाकिस्तान सेना और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने 1984 में एमक्यूएम के गठन के बाद से 20,000 से भी अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों
(अधिकतर जातीय मुहाजिरों) की बर्बर हत्या की है। (हिफी)

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