स्वास्थय मंत्रालय ने की अपील, कहा- कोविड-19 के अस्पतालों में मनोचिकित्सा संबंधी सलाह है जरुरी

ना ही सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया को कोरोना महामारी के काले साये ने घेर रखा है। कोरोना को लेकर लोगों में काफी दहसत है। बताया जा रहा है कि कोरोना महामारी ने लोगों को मानसिक रूप से बिमार कर दिया है। ज्यादा तर लोगों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। लोग इसको लेकर इतनी चिंता कर रहे हैं कि उनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा हो गयी हैं। लोगों की मानसिक हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। साथ ही केंद्र सरकार ने दिशानिर्देशों को लागू करते हुए कहा है कि सभी कोविड-19 के अस्पतालों में मनोचिकित्सक परामर्श उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इस दिशानिर्देश को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते रविवार को जारी किया है। साथ ही मंत्रालय का दावा है कि कोरोना महामारी के चलते काफी लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से प्रभावित हुए हैं।


एक शोध में कहा गया है कि कुछ लोगों में करोना को लेकर काफी डर है और कुछ लोग ठीक होने के बाद तनाव के शिकार हो जा रहे हैं। साथ ही शोध में कहा गया है कि लोगों को इस विषय पर जानकारी देनी चाहिए व उन्हें जागरुक करना चाहिए। जिस से उनके अंदर का भय दूर हो सके। मनोचिकित्सक सलाह कोविड-19 के अस्पतालों में बेहद अवश्यक है। लोगों को कोरोना से डरना नही बल्कि सतर्क रहना चाहिए। आपको बता दें कि इस बीच 50 प्रतिशत लोग कोरोना महामारी से प्रभावित हो चुके हैं।

उनकी कई आदतों में बदलाव हो रहा है। वे लोग ज्यादा चिंता करने लग गए हैं। जो लोग मानसिक रूप से बिमार हो जा रहे हैं बताया जा रहा है कि उनको हर जगह कोरोना ही दिख रहा है। सभी जगह संदिग्ध लगती हैं। इन लोगों को समय-समय पर मनोवैज्ञानिक के पास जाना चाहिए और उनसे सही सलाह लेनी चाहिए। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार अब जल्द ही सभी अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

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