स्वस्छ भारत मिशन को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार ने चलाई मुहिम

 सचिन त्यागी

 बागपत । स्वच्छ भारत मिशन को लेकर भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार ने शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वच्छ भारत अभियान चलाया हो लेकिन गांव के हालात आज भी जस के तस बने हैं इसे प्रशासनिक लापरवाही कहें या जागरूकता का अभाव गांवों में आज भी गंदगी के ढेर लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं यूं तो गांव में सफाई कर्मी तक लगाए गए हैं और प्रशासनिक अधिकारियों को तालाबों और सड़कों के विकास के लिए बजट भी जारी किया जा रहा है लेकिन इसका कितना फायदा गांवों को मिल रहा है और कितने गांव इससे लाभान्वित हुए हैं यह भी कागजों में ही सिमट कर रह गया है।

स्वच्छ भारत मिशन

 बात करें हम बागपत जनपद के डगरपुर गांव कि जहां पर लोग गंदगी से अजीज आ चुके हैं गांव के तालाब गंदगी से अटे हुए हैं सड़कों पर कीचड़ फैल गया है और तालाबों का पानी लोगों के घरों में दस्तक दे रहा है इन तालाबों को न तो जल शक्ति अभियान के अंतर्गत लिया गया है और ना ही कोई और व्यवस्था इन तालाबों की सफाई के लिए प्रशासन स्तर पर की गई है जिसके चलते ग्रामीण आज भी गंदगी में जीने को मजबूर हैं।

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इतना ही नहीं डगरपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय के बाहर भी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं कीचड़ फैला हुआ है इसकी भी सुध लेने वाला कोई नहीं ग्रामीण शिकायत करते हैं कि गांव में गंदगी को लेकर कितनी ही शिकायतें प्रशासन के पास दम तोड़ रहे रही है लेकिन कार्यवाही आज तक नही हुई।

ग्रामीण महिला भी बताती हैं कि गांव के बीच से एक छोटा रजवाहा निकलता है आज तक उसकी भी सफाई नहीं हो पाई है झाड़ और गंदगी के कारण उनमें जहरीले जीव पनप रहे हैं जिनसे बच्चों और बड़ों को भी खतरा बना रहता है किससे शिकायत करें यह भी समझ नहीं आ रहा क्योंकि जहां भी शिकायत की जाती है वहीं से उनको निराशा ही मिलती है।

यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल से लेकर ट्विटर और अन्य कई सोशल साइटर उपलब्ध हैं जिन पर शिकायतें लोगों द्वारा की जाती हैं लेकिन बागपत में इनका कितना हल निकलता है यह आपके सामने हैं अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन को शासन द्वारा किस तरह मोटिवेट किया जाएगा जिससे गांव और शहर के हालात बदल सकें।

 

 

 

 

 

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