
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 16 जुलाई 2025 तक देश में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने चेतावनी दी है कि देश के 21 नदी निगरानी स्थलों पर बाढ़ की आशंका है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा की नदियां उफान पर हैं। चार स्थानों पर स्थिति विशेष रूप से गंभीर है।

दिल्ली-एनसीआर में बारिश का कहर
दिल्ली-एनसीआर में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, खासकर गुरुग्राम में स्थिति सबसे खराब रही। दिल्ली में 200 से अधिक स्थानों पर जलभराव के कारण यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश से संबंधित हादसों में 11 लोगों की जान गई। IMD ने शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को दिल्ली-एनसीआर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में भी 16 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
नदियों का बढ़ता जलस्तर
CWC की रिपोर्ट के अनुसार, असम के गोलाघाट में धनसिरी नदी, बिहार में बागमती और गंडक नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। असम में बराक, कुशियारा और कटखल नदियां कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में बढ़ रही हैं। बिहार में रुनीसैदपुर में बागमती और बसुआ में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, हालांकि अभी ये खतरे के निशान से नीचे हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के फतेहगढ़, गढ़मुक्तेश्वर और कछला ब्रिज पर चेतावनी स्तर से ऊपर जलस्तर दर्ज किया गया है। घाघरा और गंडक नदियों पर भी निगरानी जारी है।
जलाशयों पर बढ़ता दबाव
CWC ने बताया कि 13 राज्यों के 25 जलाशयों में जल प्रवाह सामान्य से अधिक है। इनमें आंध्र प्रदेश का श्रीशैलम, कर्नाटक का अलमट्टी, ओडिशा का हीराकुंड, मध्य प्रदेश का इंदिरा सागर और बरगी बांध शामिल हैं। तेलंगाना के लक्ष्मी बैराज में गोदावरी नदी पर 18,000 क्यूमेक्स और मध्य प्रदेश के इंदिरा सागर में 11,000 क्यूमेक्स का जल प्रवाह दर्ज किया गया। झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के जलाशयों पर भी नजर रखी जा रही है।
केंद्र सरकार की राहत सहायता
केंद्र सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित छह राज्यों—उत्तराखंड, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और केरल—के लिए 1,066.80 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है। इसमें उत्तराखंड को 455.60 करोड़, असम को 375.60 करोड़, मणिपुर को 29.20 करोड़, मेघालय को 30.40 करोड़, मिजोरम को 22.80 करोड़ और केरल को 153.20 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 14 राज्यों को SDRF से 6,166.00 करोड़ और 12 राज्यों को NDRF से 1,988.91 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।