सीजेआई मामला: ‘सोच समझ कर हो रहे हमले’ से सुप्रीम दिखी कोर्ट नाराज, दो बजे आएगा फैसला…

नई दिल्ली : प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका पर ‘‘सोच समझकर किए जा रहे हमले’’ पर  नाराजगी जताई और कहा कि अब इस देश के अमीर और ताकतवर लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे ‘‘आग से खेल रहे’’ हैं और यह रुक जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट

 

 

बता दें की शीर्ष अदालत अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस के उन दावों पर सुनवाई कर रही थी जिसमे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसाने के लिए एक बड़ा षड्यंत्र रचे जाने की बात कही गयी है। न्यायालय ने वकील के दावों की सुनवाई करते कहा कि वह दोपहर दो बजे आदेश देगा।

खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि पिछले तीन-चार साल से न्यायपालिका से जिस प्रकार पेश आया जा रहा है, वह उससे बेहद नाराज है।

पीठ का कहां हैं की पिछले कुछ वर्षों से जिस तरीके से इस संस्था से पेश आया जा रहा है, उसे देखकर हमें कहना पड़ेगा कि यदि ऐसा होगा तो हम काम नहीं कर पाएंगे।’’

दरअसल बुधवार को अधिवक्ता उत्सव सिंह बैंस ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर दावा किया था कि शीर्ष अदालत के असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा फिक्सिंग का रैकेट चलाया जा रहा है और चीफ जस्टिस रंजन गोगई को फर्जी यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश रची गई है।

जहां उन्होंने सीलबंद लिफाफे में सीसीटीवी फुटेज सहित कुछ सुबूत सौंपे थे। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी से करवाने के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के सुझाव पर बेंच ने कहा, यह जांच का मामला नहीं।

 

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