श्रीलंका को अब भी सता रहा डर, आतंकी हमले से सुस्त न पड़ जाए पर्यटन उद्योग…
नई दिल्ली : श्रीलंका में ईस्टर के दिन गिरजाघरों और लग्जरी होटलों में भीषण बम विस्फोट के बाद अब हुई आत्मघाती बमबारी के बाद अब द्वीपीय देश की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है, जो काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर हैं। वहीं यह देश अपने मौलिक समुद्र तटों, चाय बागानों और घने जंगलों की वजह से दक्षिण एशिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक हैं।
बता दे की इस आत्मघाती हमले के बाद लोगों पर इसका बुरा असर हुआ है , लोगों का कहना है , कि इन हमलों ने कैसे उनके भविष्य को प्रभावित किया है, क्योंकि आगुंतकों में अनिश्चितता व्याप्त है और अब वे इस देश को सुरक्षित स्थान के रूप में नहीं देखते हैं।
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वहीं श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन गिरजाघरों और लग्जरी होटलों में एक के बाद एक बम धमाकों में बुधवार सुबह तक मरने वालों का आंकड़ा 359 तक पहुंच गया है , जहां श्रीलंका के अधिकरियों के मुताबिक इस बमबारी में 40 विदेशी मारे गए हैं।
जहां प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने एक प्रेस वार्ता में यह पूछे जाने पर कि हमलों का आर्थिक असर क्या होगा। जहां उन्होंने कहा कि इसका असर खासतौर से पर्यटन पर होगा।
हम मामले को देख रहे हैं, पर्यटकों की संख्या गिर सकती है। जहां उन्होंने कहा कि कुछ पर्यटक लौट गए हैं, जो कि समझ में आता है. लेकिन इस बात को रेखांकित किया कि पर्यटन उद्योग सुचारू रूप से चल रहा हैं।
दरअसल पर्यटन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष किशु गोम्स ने कहा कि हमलों का पर्यटन और सेवा क्षेत्र पर असर का अभी अनुमान लगाना काफी जल्दबाजी होगी।
वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म कौंसिल के आंकड़ों को देखें तो श्रीलंका के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन और सेवा क्षेत्र का योगदान 12.5 फीसदी है, जबकि आबादी 2 करोड़ से थोड़ी अधिक है। लेकिन जिसमें से 10 लाख लोगों को पर्यटन और सेवा क्षेत्र से रोजगार मिलता हैं।