सिर्फ एक माह में आ सकता है अयोध्या राम मंदिर(Ayodhya Dispute) का फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई तेजी
जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir Dispute) मामले में तेजी दिखाई है, इससे पूरे देश ने एक राहत की सांस ली है. अब सभी को ये लगने लगा है कि जिस तरह से हर एक सुनवाई तेजी से हो रही है.
उनको देखते हुए जल्द से जल्द या ये कहा जाए कि एक माह के अन्दर इस विवाद का फैसला आने की उम्मीद की जा सकती है. अगर ऐसा होता है तो इस मामले से जुड़े लोगों के लिए ये बड़ी ख़ुशी का मौका होगा.
दूसरी तरफ मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करके इसको इस पर जल्द फैसला देना चाहती है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा छह अगस्त से मामले की रोजाना सुनवाई का निर्णय लेने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि अयोध्या भूमि विवाद(Ayodhya Dispute) पर 17 नवंबर से पहले फैसला आ जाए।
जस्टिस गोगोई चूंकि 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि इस मामले पर 17 नवंबर से पहले फैसला आ जाए। इसके पीछे वजह है कि अगर जस्टिस गोगोई अपनी सेवानिवृत्ति से पहले इस पर सुनवाई नहीं पूरी कर पाते हैं तो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पीठ में एक नए सदस्य शामिल होंगे।
ऐसी स्थिति में नई पीठ को फिर से मामले की सुनवाई करनी पड़ेगी। लिहाजा जस्टिस गोगोई की पूरी कोशिश रहेगी कि वह इस मामले को अंतिम मुकाम तक पहंचाए।
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संविधान पीठ ने छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करने का निर्णय लिया है। रोजाना सुनवाई का मतलब अमूमन यह होता है कि यह सुनवाई हर हफ्ते मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी। यानी 17 नवंबर से पहले अधिकतम 33 दिनों की सुनवाई संभव है।
हालांकि सोमवार और शुक्रवार को भी सुनवाई की जा सकती है। यह देखने वाली बात होगी कि संविधान पीठ किस तरह से सुनवाई करेगी। जस्टिस गोगोई के रुख से भी लगभग साफ है कि वह इस मामले की सुनवाई अपने कार्यकाल में ही पूरा करना चाहते हैं।