
केंद्र सरकार ने लोकसभा में अगली राष्ट्रीय जनगणना के शेड्यूल और प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के प्रश्न के जवाब में बताया कि जनगणना अप्रैल 2026 से शुरू होकर फरवरी 2027 तक दो चरणों में पूरी होगी।
सबसे बड़ी खबर यह है कि 93 वर्षों बाद, यानी 1931 के बाद पहली बार, जनगणना में जाति गणना शामिल होगी, जो कैबिनेट कमिटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स के 30 अप्रैल 2025 के फैसले के अनुरूप है। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, जिसमें मोबाइल ऐप्स से डेटा संग्रह और स्वयं गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा होगी।
मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि जनगणना को दो मुख्य चरणों में बांटा गया है। पहला चरण—मकान सूचीकरण और आवास जनगणना—अप्रैल 2026 से सितंबर 2026 के बीच 30 दिनों में पूरा किया जाएगा, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सुविधा के अनुसार निर्धारित होगा। यह चरण घरों, सुविधाओं और बुनियादी डेटा पर केंद्रित होगा।
दूसरा और मुख्य चरण—जनसंख्या गणना—फरवरी 2027 में होगा, जिसकी संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की रात्रि 00:00 बजे निर्धारित की गई है। इस चरण में उम्र, वैवाहिक स्थिति, धर्म, अनुसूचित जाति/जनजाति, मातृभाषा, शिक्षा, विकलांगता, आर्थिक गतिविधि, प्रवासन और प्रजनन (महिलाओं के लिए) जैसे व्यक्तिगत विवरण एकत्र किए जाएंगे।
विशेष भौगोलिक क्षेत्रों के लिए समय में बदलाव किया गया है। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के बर्फीले गैर-समकालिक क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हिमाचल इलाकों में जनसंख्या गणना सितंबर 2026 में पूरी होगी, और संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर 2026 की रात्रि 00:00 बजे होगी। यह बर्फबारी के कारण अन्य क्षेत्रों के साथ समन्वय न होने की वजह से है।
जनगणना 2027 की एक प्रमुख विशेषता डिजिटल संचालन है। डेटा संग्रह मोबाइल ऐप्स से होगा, और नागरिकों को ऑनलाइन स्वयं गणना का विकल्प मिलेगा। कनेक्टिविटी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए पेपर शेड्यूल भी उपलब्ध होंगे। मंत्री ने कहा कि यह जनगणना 150 वर्षों से अधिक पुरानी परंपरा का हिस्सा है, और पिछली गणनाओं के अनुभवों व हितधारकों के सुझावों को इसमें शामिल किया गया है। यह डेटा सरकारी योजनाओं, नीतियों और विकास कार्यक्रमों का आधार बनेगा।
यह घोषणा 2021 जनगणना की कई देरी के बाद आई है, जो कोविड-19 और अन्य कारणों से टल गई थी। जाति गणना का फैसला विपक्ष की लंबी मांग के बाद हुआ, जो 2024 चुनावों में प्रमुख मुद्दा बना। 84वें संवैधानिक संशोधन (2002) के तहत, 2026 के बाद पहली जनगणना पर सीटों का परिसीमन आधारित होगा। गजट नोटिफिकेशन 16 जून 2025 को जारी हो चुका है।





