साल 2006 में भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों को ताक पर रखकर की 6500 जलरक्षकों की भर्तियां

हिमाचल में नियमों को ताक पर रखकर करीब 6500 जलरक्षकों की भर्तियां हुई हैं। वर्ष 2006 में भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों को नजरअंदाज कर जल रक्षकों की गलत तरीके से भर्तियां करने वाले अफसर अब नपेंगे।
जलरक्षकों

जलरक्षकों को अब रेगुलर करने का मामला सामने आया तो आरएंडपी रूल्स खंगाले गए। इस दौरान पता चला कि जलरक्षकों की गलत तरीके से भर्तियां हुई हैं। सरकार अब ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है।

इसके साथ ही जलरक्षकों को वन टाइम छूट देने का रास्ता भी निकाला जा रहा है। जलरक्षकों को सरकार 2100 रुपये मासिक मानदेय देती है। इनका काम पेयजल योजनाओं से पानी सप्लाई और पाइप लाइन की मरम्मत करना होता है।

जलरक्षक नियमितीकरण के लिए सरकार पर दबाव बना रहे

भर्ती के बाद से ही जलरक्षक नियमितीकरण के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। बीते अक्तूबर माह में जलरक्षक संघ ने शिमला में राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया था कि दो माह के भीतर रेगुलर करने के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाए जाएंगे।

सरकार ने नियुक्ति की फाइलों को खंगाला तो सामने आया कि करीब 6500 में से अधिकांश जल रक्षकों की भर्ती नियमों के तहत नहीं की गई। न्यूनतम योग्यता 8वीं पास तय की निर्धारित की थी लेकिन अधिकांश जल रक्षक 7वीं से नीचे की योग्यता रखते हैं। अब सरकार जल रक्षकों को शैक्षणिक योग्यता और उम्र में छूट देने की तैयारी में है। बता दें कि कई जलवाहक सेवाएं देते नियमितीकरण के लिए ओवर ऐज हो गए हैं।

कमेटियों ने की है जल रक्षकों की नियुक्ति

वर्ष 2006 में जल रक्षकों की नियुक्ति के लिए आईपीएच विभाग के संबंधित एसडीओ की अध्यक्षता में कमेटियां गठित की थीं। इस कमेटी में क्षेत्र के जेई और पंचायत प्रधान भी सदस्य रहे हैं। इनके अनुमोदन पर ही जलरक्षक रखे गए हैं।

2006 में नियमों के खिलाफ जल रक्षकों की नियुक्ति करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। जल रक्षकों को सेवा देते कई साल हो गए हैं, लेकिन नियमित नहीं हो पा रहे हैं। सरकार इनको शैक्षणिक योग्यता और आयु सीमा में एकमुश्त छूट देने पर विचार कर रही है। मामला 3 जुलाई की मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा।

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