
नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को निर्देश दिया कि संसद या विधानसभाओं के पूर्व या मौजूदा सदस्यों से जुड़े उम्रकैद के मामलों को विशेष न्यायालय प्राथमिकता के साथ देखेगा।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल और के.एम. जोसेफ की पीठ को यह बताया गया कि इन सांसदों/विधायकों पर हत्या के आरोप समेत 430 मामले हैं, जिसके बाद पीठ ने यह आदेश दिया।
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शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालयों को आरोपी सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामले का आवंटन मजिस्ट्रेट और सत्र न्यायालयों में करने के लिए कहा।
भाजपा नेता अश्विनी कुमार ने आपराधिक मामलों के दोषी राजनेताओं पर चुनाव लड़ने से आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया।
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