
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और चाचा शरद पवार की एनसीपी (शरदचंद्र पवार) गुट मिलकर पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव लड़ेंगे। यह घोषणा 2023 में पार्टी विभाजन के बाद पवार परिवार की पहली बड़ी एकजुटता है, जिसे अजित पवार ने “परिवार फिर एक साथ आ गया” कहकर बयां किया।
पिंपरी-चिंचवड़ में चुनाव प्रचार रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, “उम्मीदवारों की सूची अंतिम करने के दौरान एनसीपी (घड़ी चिह्न) और एनसीपी (एसपी) (तुतारी चिह्न) ने पिंपरी-चिंचवड़ में साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया। इससे परिवार फिर एकजुट हो गया है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से विकास पर फोकस करने और विवादास्पद बयानबाजी से बचने की अपील की। अजित ने शरद पवार को हिंजेवाड़ी आईटी पार्क का श्रेय देते हुए कहा कि इससे शहर का तेज विकास हुआ।
यह गठबंधन महाराष्ट्र के विकास के बड़े हित में लिया गया फैसला है। सीट बंटवारे पर स्थानीय नेताओं से चर्चा हो चुकी है और जल्द ही इसका ऐलान होगा।
महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे, मतगणना 16 जनवरी को। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर 2025 है। पिंपरी-चिंचवड़ एनसीपी का पारंपरिक गढ़ रहा है, जहां 2017 से अविभाजित एनसीपी का कब्जा है।
पुणे नगर निगम पर क्या?
दोनों गुटों के बीच पुणे नगर निगम चुनाव के लिए भी बातचीत चल रही है, लेकिन शनिवार को शरद पवार गुट ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के साथ सीट बंटवारे की चर्चा फिर शुरू कर दी। पहले दोनों गुटों की बातचीत टूट गई थी, क्योंकि अजित पवार चाहते थे कि शरद गुट के उम्मीदवार घड़ी चिह्न पर ही लड़ें। इससे एमवीए में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) अलग लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब समन्वय बैठकें फिर शुरू हो गई हैं।
यह स्थानीय स्तर पर पवार परिवार की एकता महायुति और एमवीए दोनों गठबंधनों की रणनीति को प्रभावित कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषक इसे वोट विभाजन रोकने की रणनीति बता रहे हैं।





