
Reporter – Ashish Singh
लखनऊः लगातार दूसरे दिन परिषदीय विद्यालयों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने की मांग को लेकर हजारों अभ्यर्थियों ने निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं! मांगें ना पूरी होने पर नाराज अभयर्थियों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में पासिंग मार्क्स का विवाद हुआ जिसके बाद यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। अब सरकार की ओर से पैरवी ना होने के कारण भर्ती प्रक्रिया ठहरी हुई है।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण कई सुनवाई होने के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला! इससे भर्ती में लगातार देरी हो रही है और प्रदेश के 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार से लेकर अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करते हुए तमाम आरोप लगाए।
दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए छह जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी! जिसके लिए करीब साढ़े चार लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।
परीक्षा के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 65 फीसदी तो आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 फीसदी अंक लाना अनिवार्य किया गया! इस पर कुछ अभ्यर्थियों ने कड़ी आपत्ति जताई और हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी।
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याचियों का कहना है कि 68500 शिक्षक भर्ती में जिस तरह सामान्य व ओबीसी वर्ग के लिए 45 व एससीएसटी वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अंक तय किए गए थे, वैसा ही कटऑफ इस भर्ती में भी अपनाया जाए! इसपर शासन का तर्क है कि 68500 शिक्षक भर्ती में केवल एक लाख आवेदक थे जबकि 69000 शिक्षक भर्ती में साढ़े चार लाख अभ्यर्थी हैं इसलिए कट ऑफ तो बढ़ेगी ही। अभ्यथियों के प्रदर्शन को देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय पर सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।