सरकार को कैसे पता चला चीनी ई-कॉमर्स कंपनियों का धोखा, जानें पूरी सच्चाई

नई दिल्ली। चीन की ई-कॉमर्स कंपनियों पर सरकार की नजरें टेढ़ी हो चुकी हैं। जिसके चलते सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इन चीनी ई-कॉमर्स कंपनियों पर आरोप है कि यह कंपनियां सीमा शुल्क दिए बिना ही उपहार के नाम पर सामान बेच रही हैं। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने बताया है कि टैक्स और कस्टम अधिकारियों के पत्र लिखने के बाद सरकार ने डाकघर एवं कुरियर कंपनियों से चीन से आने वाले सामानों पर नजर रखने के लिए कहा है।

चीनी ई-कॉमर्स कंपनियों का धोखा

जानकारी के मुताबिक चीन का यह काम पिछले काफी समय से चल रहा है और अभी तक इसके खिलाफ एक्शन लेने का काम सिर्फ कस्टम विभाग का ही होता था लेकिन अब डाकघर को भी चीन की इस चाल पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है। इस मामले को लेकर उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग ने देश के सभी बंदरगाहों को निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके मुताबिक उन्हें चीन से आने वाले किसी भी उपहार या सामान की जांच करनी होगी।

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बताते चलें कि चीन की इस चाल के खिलाफ सरकार ने पहले मुंबई के रास्ते आने वाले आयात पर ही प्रतिबंध लगाया था। वहीं अब इसे बढ़ाकर चेन्नई और कोलकाता समेत देश के अन्य हिस्सों तक बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक सरकार को इस मामले को लेकर यह जानकारी मिली थी कि चीन की अली एक्सप्रेस और शीन जैसी अधिकतर चीनी ई-कॉमर्स कंपनियां उपहार बताकर भारत में सामान भेज रही हैं। जिस पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लग रहा है।

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वहीं नियमों के मुताबिक पड़ोसी देश से आने वाले 5000 रुपए तक के उपहार पर किसी भी प्रकार का कोई टैक्स नहीं लगता है। वहीं यह चीनी कंपनियां धड़ल्ले से उपहार के नाम पर भारत में सामान भेज रही हैं। जिस पर अब सरकार ने अपना रुख सख्त करते हुए उन पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। साथ ही कस्टम विभाग के साथ ही डाकघर को भी  इस मामले में निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बताते चलें कि इस मामले को लेकर पहली शिकायत 2018 में मिली थी।

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