अब सरकारी स्कूल भी बनेंगे मॉडल, सरकार ने तेज किया प्रशिक्षण अभियान
भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बनने जा रहा है।केंद्र सरकार ने इसके लिए दुनिया का सबसे बड़ा प्रशिक्षण अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए सरकार ने काफी समय से ही तैयारियां शुरू कर दी थी। सभी राज्यों में सरकारी स्कूलों की गिनती लगभग 42 लाख है। इन सभी स्कूलों के शिक्षकों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ साथ खेल-खेल में पढ़ाई, लर्निंग आउटकम, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दिल्ली में बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नेशनल इंसिएटिव ऑन स्कूल टीचर हेड हॉलीस्टिक एडवांसमेंट (निष्ठा) का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब आईएएस बनना आसान होगा पर शिक्षक नहीं। शिक्षक एक छात्र का नहीं पूरे देश का निर्माता होता है। शिक्षक की कक्षा से वैज्ञानिक, प्रशासनिक, राजनेता, अभिनेता, शिक्षक, डॉक्टर और समाज सेवक निकलते हैं। ऐसे में यदि शिक्षक ही कमजोर होगा तो देश का विकास और भविष्य दोनों खतरे में हैं।
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उन्होंने कहा कि शिक्षक बनने की पढ़ाई के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जा रहा है। अब ऐसे ही कोई भी शिक्षक नहीं बन पाएगा। निशंक ने कहा, ट्रेनिंग में पॉक्सो एक्ट और दिव्यांगजन के लिए किस प्रकार के दिशा-निर्देश की भी पढ़ाई करवाई जाएगी। इससे पहले भारत सरकार की स्कूल शिक्षा सचिव रीना रे ने शिक्षकों की ट्रेनिंग पर पहले और नई ट्रेनिंग पर विस्तार से जानकारी दी।