संकष्टी चतुर्थी व्रत: क्या है सालों से चले आ रहे इस व्रत को रखने का महत्व

संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। श्रद्धालु इस दिन अपने बुरे समय व जीवन की कठिनाइओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं।  आज संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है। भगवान गणेश के लिए किया गया यह व्रत विद्या, बुद्धि, सुख-समृद्धि की दृष्टि से बहुत लाभदायक माना जाता है। इस महीने यह सोमवार यानी कि 26 नवंबर को मनाई जा रही है।

संकष्टी चतुर्थी

पूजा विधि

श्रद्धालु इस दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं एवं व्रत रखते हैं। जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखते हैं वह केवल कच्ची सब्जियां, फल, साबुदाना, मूंगफली एवं आलू खाते हैं। शाम के समय भगवान गणेश जी की प्रतिमा को ताजे फूलों से सजाया जाता है। चन्द्र दर्शन के बाद पूजा की जाती है एवं व्रत कथा पढ़ी जाती है। इसके बाद ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।

Kartik Purnima 2018:गंगा स्नान के दौरान जल को इन चीजों का भी करें दान

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन को बहुत ही शुभ माना जाता है। चन्द्रोदय के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

 

LIVE TV