Kartik Purnima 2018:गंगा स्नान के दौरान जल को इन चीजों का भी करें दान

हिन्दु धर्म में कार्तिक का महीना बहुत ही पवित्र माना गया है। शास्त्रों में इसे पुण्य मास कहा गया है। इ्स दिन स्नान और दान का बहुत महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग सुबह सवेरे उठकर गंगा स्नान करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्म-जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान और दीपदान का बड़ा महत्व है। इलाहाबाद, अयोध्या, वाराणसी आदि तीर्थ स्थानों में इसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। आइए जानते हैं वो खात बातें जो इस पर्व के दिन आपको जरूर याद रखनी चाहिए:

Kartik Purnima

  1. धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में इसे मोक्ष प्राप्ति कराने वाला माना गया है।
  2. अगर आप इस दिन उपवास करते हैं तो आपको हजार अश्वमेध और सौ राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
  3. कार्तिक पूर्णिमा पर अगर कृत्तिका नक्षत्र हो तो महाकार्तिकी होती है, जो विशिष्ट पुण्यफल देती है। भरणी और रोहिणी नक्षत्र हो तो इसका फल ओर भी बढ़ जाता है।
  4. इस दिन चंद्रोदय के समय मंगल ग्रह के स्वामी भगवान कार्तिकेय की माताओं- शिवा, संभूति, प्रीति, संतति, अनसूया और क्षमा आदि छह कृत्तिकाओं का पूजन करना चाहिए।
  5. रात्रि में व्रत करके अगर वृष-बैल का दान किया जाए तो शिव पद की प्राप्ति होती है।
  6. इस दिन गौ, अश्व और घी आदि के दान से संपत्ति बढ़ती है।
  7. आरती और पुष्पांजलि कर भगवान विष्णु का नाम स्मरण या मंत्र जाप करना चाहिए। श्रीमद्भागवत या विष्णु-शिवजी से संबंधित कथाओं का पाठ करना चाहिए।

Kartik Purnima Vrat Katha: इस दिन व्रत रखने से पूरी होती हैं सभी मनोकामना

ये है कार्तिक पूर्णिमा की कहानी

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। असल में त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक तीर्थराज प्रयाग में भारी तपस्या की। अप्सराओं के जाल में भी त्रिपुर नहीं फंसा। ब्रह्मा जी ने वरदान मांगने को कहा। उसने मनुष्य और देवता के हाथों न मारे जाने का वरदान प्राप्त किया। शिवजी ने ब्रह्माजी और विष्णुजी की सहायता से त्रिपुर का वध किया।

 

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