RSS-VHP के इस फैसले ने तय कर दिया कि फिर से PM बनेंगे मोदी, बस ये चूक न हुई तो

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सारे मुद्दे ध्वस्त हो चुके हैं। बस एक ही मुद्दा चारो और गूँज रहा है। और वो है राममंदिर निर्माण। यानी चुनाव को जीतने के लिए सिर्फ मंदिर निर्माण ही काफी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते सुनवाई जनवरी में होनी है।

शिवसेना

लेकिन ये बात आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद को पच नहीं रही। इसीलिए दोनों ही संगठनों ने मंदिर निर्माण का बिगुल फूंक दिया है।

यानी कि संघ परिवार ने राम मंदिर आंदोलन को एक बार फिर से धार देने और लोगों को एकजुट करने की योजना बनाई है। आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर निर्माण को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या, नागपुर और बेंगलुरु में मेगा रैली का आयोजन करने जा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 से पहले देश भर में संघ परिवार राम मंदिर को लेकर माहौल बनाने में जुट गया है। देश की सभी 543 लोकसभा क्षेत्र में RSS और VHP ने रैली करने जा रहे हैं।

ख़बरों के मुताबिक, आरएसएस और वीएचपी ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर के दौरान देश में अलग-अलग हिस्सों में 543 रैलियां करने की योजना बनाई है। संसद के शीतकालीन सत्र से तीन दिन पहले 9 दिसंबर को साधु-संत दिल्ली में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करेंगे।

वहीँ VHP अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाने के प्रयास किए गए हैं।

कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने भी हाल ही में कहा है कि राम मंदिर कांग्रेस ही बनवाएगी। कांग्रेस का प्रधानमंत्री ही राम मंदिर बनवाएगा। यह एक अच्छा समय है कि वे भी वास्तव में हिंदू भावनाओं का ख्याल कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि मध्य और दक्षिण भारत के लोगों के लिए नागपुर और बेंगलुरू जैसे शहर में रैली के लिए चुनाव गया है। रविवार को देश के तीन शहरों में होने वाली रैली में करीब 2 लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना है।

शिवसेना भी दिखाएगी ताकत

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने लाव-लश्कर के साथ दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं। लेकिन शिवसेना को सभा करने की अनुमित नहीं दी गई है।

शिवसेना प्रमुख की अयोध्या में साधु-संतों के साथ बैठक करने की योजना है। वे शनिवार को अयोध्या पहुंचेंगे और जहां लक्ष्मण पार्क में संतों के साथ मुलाकात कर सकते हैं। उद्धव ठाकरे सरयू के तट पर आरती भी करेंगे। इसके बाद रामलला के दर्शन करने भी जाएंगे।

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बता दें आरएसएस में दूसरे नंबर के नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने इस महीने के शुरू में ही अयोध्या का दौरा किया था। उन्होंने अयोध्या में रविवार को होने वाले कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया था।

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लेकिन यूपी सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बड़ी सभा करने पर रोक लगा रखी है। हाँ।।। दर्शन करने को लेकर रोक नहीं है। लेकिन सियासी गर्माहट ने सूबे के ठण्ड मौसम को भी पीछे छोड़ दिया है। अब देखना है कि इस आन्दोलन के बाद मोदी सरकार क्या फैसला लेती है।

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