शिवकुमार स्वामी ने दी इस दुनिया से अंतिम विदाई

सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा. सोमवार को 111 साल के शिवकुमार स्वामी का निधन हो गया था. इसके बाद आज राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाना है. इस मौके पर राज्य के सियासी दिग्गजों के अलावा तमाम हस्तियां भी मौजूद रहेंगी.

शिवकुमार स्वामी

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता बीएस येदियुरप्पा तुमकुरु में सिद्धगंगा मठ पहुंच गए हैं. उनके अलावा बाकी नेता भी पहुंच रहे हैं. कर्नाटक के रामनगर जिले के वीरपुरा में एक अप्रैल 1907 को जन्मे शिवकुमार स्वामी को साल 2015 में पद्मभूषण से नवाजा गया था. उन्होंने अपने तमाम जीवन गरीबों की सेवा की है. सैकड़ों बच्चों को शिक्षा और भोजन उपलब्ध कराया है. शायद यही वजह है कि वह अपने समर्थकों के बीच देवता के रूप में पूज्य रहे हैं.

शिवकुमार स्वामी 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बासवा के अवतार माने जाने वाले, लिंगायत संत श्री सिद्धगंगा एजुकेशनल सोसायटी के प्रमुख थे. यह संस्थान पूरे कर्नाटक में 125 शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है. इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर बिजनेस स्कूल भी शामिल हैं. गरीब छात्रों को यह संस्थान फ्री एजुकेशन दिलवाता है.

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सिद्धगंगा मठ 600 साल पुराना इतिहास है और इसका असर मैसूर इलाके में ज्यादा है. शिवकुमार स्वामी 1930 में लिंगायत साधु बने थे. लिंगायत धर्म से आने वाले शिवकुमार स्वामी की पहुंच हिंदू समुदाय में काफी थी. उन्हें जाति, धर्म और कर्म से परे माना जाता है. यही वजह कि उनके देहांत के बाद कर्नाटक की मौजूद कांग्रेस-जेडीएस सरकार ने उन्हें सबसे बड़े राजकीय सम्मान ‘कर्नाटक रत्न’ से नवाजा है. वहीं, इससे कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि शिवकुमार स्वामी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए. अब एक बार फिर इस मांग को दोहराया गया है.

शिवकुमार स्वामी के अंतिम संस्कार के मद्देनजर आज पूरे राज्य में सरकारी छुट्टी रखी गई है. वहीं, मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है.

मठों का कर्नाटक की राजनीति में खासा महत्व है. सिद्दगंगा मठ 600 साल पुराना है और इसका मैसूर क्षेत्र में बहुत ज्यादा प्रभाव है. यही वजह है कि हर दल के नेता इस मठ की शरण में जाता रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक शिवकुमार स्वामी का आशीर्वाद लेने जाते रहे हैं.

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इनके अलावा सोनिया गांधी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जैसे राष्ट्रीय राजनीति के दिग्गज भी सिद्धगंगा मठ की शरण में जाते रहे हैं. पिछले साल हुए राज्य के विधानसभा चुनाव में भी सिद्धगंगा मठ पर नेताओं का आना जाना लगा रहा. राज्य के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा और सिद्धारमैया भी शिवकुमार स्वामी से आशीर्वाद लेते रहे हैं.

हालांकि, अन्य लिंगायत साधुओं से अलग शिवकुमार स्वामी ने खुद को स‍ियासत से दूर रखा है. बीएस येदियुरप्पा जब मुख्यमंत्री थे, तब वे हर हफ्ते मठ का दौरा करते थे. वे महंत से निर्देश भी लेते थे लेकिन शिवकुमार स्वामी ने कभी उनका पक्ष नहीं लिया.

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