वाघेला नहीं भूले मोदी से दुश्मनी, कांग्रेस का छोड़ा साथ लेकिन नहीं थामेंगे भाजपा का हाथ

शंकर सिंह वाघेला नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने नया कठोर कदम उठा लिया है। उन्‍होंने कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने की बात कही है। वाघेला ने कहा, ‘मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। मैं बीजेपी या किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं।’

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शंकर सिंह वाघेला ने लगाए आरोप

वाघेला ने कहा कि पार्टी उन्हें 24 घंटे पहले ही निकाल चुकी है। वह बीजेपी में नहीं जाएंगे लेकिन कांग्रेस पार्टी के सारे पद छोड़ रहे हैं। वह कोई नई पार्टी भी नहीं बनाएंगे। हालांकि, खबरें यह भी हैं कि वाघेला को कांग्रेस ने नहीं निकाला है।

NCP-JDU विधायकों को भी दिया न्योता

वाघेला ने आज अपने जन्मदिन पर सम-संवेदना समारंभ के नाम से एक बड़ा आयोजन किया। वाघेला ने इस सम्मेलन में कांग्रेस के सभी विधायकों के अलावा एनसीपी के दो और जेडीयू के एक विधायक को भी न्योता दिया था।

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वाघेला ने नहीं खोले थे अपने पत्‍ते

इससे पहले शंकर सिंह वाघेला ने कहा था कि, ‘’आप पूछना चाहते होंगे कि मैं वहां क्या बोलूंगा। लेकिन ये बात मैं सही वक्त आने से पहले नहीं बताऊंगा।

जैसे नरेन्द्र मोदी ने मेरे कान में क्या कहा, अगर ये सबको बताना होता तो सार्वजनिक तौर पर नहीं कहते? कान में कहने का मतलब ही है कि वो बात सबको बताने की नहीं है। इसी तरह सम्मेलन में मुझे जो कहना है वो उसी समय बताऊंगा।’’

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कांग्रेस से नाराज वाघेला

वाघेला कांग्रेस नाराज हैं। 15 दिन पहले उन्होने गांधीनगर में एक सम्मेलन किया था, जिसमें कांग्रेस के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी। आज के सम्मेलन में उनका यह एलान दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा।

गुजरात में बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किल

कयास ये भी हैं कि वाघेला के संन्यास लेने पर कुछ कांग्रेस विधायक भी उनके समर्थन में पार्टी छोड़ सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात कांग्रेस के कुछ विधायकों ने रामनाथ कोविंद को वोट दिया है। अगले महीने गुजरात की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने है।

इनमें एक सीट कांग्रेस कोटे की है। कांग्रेस को जीत के लिए 47 विधायकों का समर्थन चाहिए। राज्य में पार्टी के 57 विधायक हैं, लेकिन वाघेला समर्थक विधायकों ने साथ छोड़ा तो कांग्रेस के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो सकती है।

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