कभी देखा हैं वेजिटेरियन मगरमच्छ?… जिसे खाने में पसंद है गुड़ और चावल

एक ऐसा जानवर, जिसका नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। इस जानवर के पास जाने की भूल कोई सपने में भी नहीं करेगा और अगर कहीं गलती से भी इसके जबड़े में कोई फंस गया तो उसकी मौत निश्चित है। हम बात कर रहे हैं जमीन और पानी दोनों में रहने वाले मगरमच्छ की।

सभी को पता है कि यह मांसाहारी जीव होता है और आज तक किसी ने भी शाकाहारी मगरमच्छ को नहीं देखा होगा। इसी वजह से ही लोग इस खतरनाक जीव से इतना डरते हैं। लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर रहने वाला मगरमच्छ मांसाहारी नहीं है बल्कि उसे भी हम लोगों की तरह शाकाहारी और शुद्ध भोजन पसंद है।

वेजिटेरियन मगरमच्छ

केरल के अनंतपुरा में एक ऐसा मंदिर है जहां पर रहने वाला मगरमच्छ मांसाहारी नहीं बल्कि शाकाहारी है। यहां के लेक टेंपल में रहने वाला ‘बबिया’ नाम का यह मगरमच्छ स्वभाव से बेहद शांत है। यह अन्य मगरमच्छों की तरह उग्र नहीं है। और इसे खाने में केवल मंदिर में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद ही पसंद है। यही वजह है कि बबिया को इस मंदिर में जिस लेक में रखा गया है वहां की मछलियों को भी उससे कोई परेशानी नहीं है।

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‘बबिया’ मंदिर में दोपहर की पूजा के बाद चावल और गुड़ से बना हुआ प्रसाद खाता है और इसके खाने का टाइम भी फिक्स है। मंदिर प्राशासन का कहना है कि इस तालाब में रहने वाले मगरमच्छ से भी एक रहस्य जुड़ा हुआ है।

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मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस तालाब में एक बार में केवल एक ही मगरमच्छ दिखता है। मतलब यह है कि यहां पर एक मगरमच्छ के मरने के बाद दूसरा मगरमच्छ अपने आप ही उसकी जगह आ जाता है और ऐसा लगभग पिछले 150 सालों से हो रहा है।

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