आठ पुलिसकर्मियों को मिला बहादुरी का पुरस्कार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार से पुलिस सप्ताह शुरू हुआ। पहली बार आठ पुलिस अधिकारियों को मुख्यमंत्री का वीरता पदक और 22 अधिकारियों को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया। वीरता पदक पाने वालों में दो शहीद पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। डीजीपी जावीद अहमद की संस्तुति पर मुख्यमंत्री का वीरता पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान करने की नई व्यवस्था शुरू की गई है। पुलिसकर्मियों के साहसिक कार्य के लिए डीजीपी की संस्तुति पर मुख्यमंत्री का प्रशस्तिपत्र और उसके साथ 25 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

वीरता पदक

मुख्यमंत्री समय-समय पर स्वविवेक से पुरस्कार की धनराशि और संख्या में हालांकि वृद्घि कर सकते हैं। उच्च श्रेणी का साहसिक कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को डीजीपी की संस्तुति पर मुख्यमंत्री का वीरता पदक प्रदान किए जाने के साथ ही प्रतिमाह एक हजार रुपये मासिक भत्ता प्रदान किया जाएगा। ऐसे पदक विजेताओं की संख्या वर्ष में अधिकतम 10 निर्धारित की गई है। इसमें भी वृद्घि का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया है।

वीरता पदक पाने वाले आठ लोगों में मरणोपरांत आरक्षी नरेंद्र सिंह (बुलंदशहर) और नवीन चौधरी (जीआरपी मुरादाबाद) का नाम प्रमुख हैं। इनके अलावा मुख्य आरक्षी उधम सिंह (बुलंदशहर), आरक्षी मलखान सिंह (बुलंदशहर), आरक्षी कुलदीप धामा (गाजियाबाद), उपनिरीक्षक अमित कुमार (आगरा), मुख्य आरक्षी राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी (लखनऊ) और महिला आरक्षी सुनीता तिवारी (लखनऊ) को भी ये पदक मिला।

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