सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, विनोद राय के हाथ में बीसीसीआई का कंट्रोल

नई दिल्ली। मंगलवार को बीसीसीआई और लोढ़ा कमिटी के बीच बढ़ते विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की सिफारिशे न मानने के लिए विनोद राय की अध्यक्षता में चार प्रशासकों को बीसीसीआई के लिए नियुक्त किया।

विनोद राय जो कि अबीसीसीआईध्यकक्ष नियुक्त किए गए, वे पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी सीएजी भी रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने लोधा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने पर अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद और अजय शिर्के को सचिव पद से हटा दिया था।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को आदेश की अवमानना करने के लिए नोटिस भी दिया था।

जस्टिस लोढ़ा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ये क्रिकेट की जीत है।

सुप्रीम कोर्ट ने विनोद राय की अध्यक्षता में चार प्रशासकों को नियुक्त किया है इनमें विनोद राय के अलावा नियुक्त किए गए प्रशासकों में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफ़सी के अध्यक्ष विक्रम लिमए और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना इडुलजी शामिल हैं।

वही बिशन सिंह बेदी ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा की लोढ़ा पैनल 50 साल पहले ही बन जाना चाहिए था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमें खेल सचिव को बतौर प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व फ़ैसले का हवाला दिया, जिसमें मंत्रियों और नौकरशाहों को बीसीसीआई में कोई पद नहीं देने की बात कही गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने आईसीसी में भारतीय बोर्ड का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए विक्रम लिमये और बीसीसीआई के ज्वॉइंट सचिव अमिताभ चौधरी को नियुक्‍त किया है।

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