अबकी लोकसभा चुनाव में मोदी के नहीं योगी के मंत्री आजमा सकते हैं अपनी किस्मत

2019 का चुनावी युद्ध अपने अंतिम चरण में है. मतदान की तारीखों का ऐलान होने के बाद अब पार्टियों का पूरा फोकस टिकट वितरण पर है. सभी दलों में इसके लिए बैठकों का दौर भी जारी है. खासकर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन होने के बाद टिकट तय करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण बनता दिख रहा है. विपक्षी एकजुटता के सामने भारतीय जनता पार्टी के भीतर एक नई रणनीति पर विचार चल रहा है.

लोकसभा चुनाव

बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा 80 सीटों वाले यूपी में बीजेपी के 2 दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट कट सकते हैं. दिलचस्प बात ये है कि इनकी जगह योगी सरकार के मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.

दरअसल, इसके पीछे एक बड़ी वजह बताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने कई सर्वे कराए हैं, जिनमें यह बात सामने आई है कि मोदी लहर में जीते ज्यादातर सांसदों के खिलाफ जनता में काफी विरोध है. यानी लोग अपने सांसद को पसंद नहीं कर रहे हैं.

ऐसे में पार्टी के भीतर लगभग यह सहमति बन गई है कि जिस सांसद का कामकाज संतोषजनक नहीं रहा है या फिर जो अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं है, उसे दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा.

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सुरक्षित सीटों पर कट सकते हैं ज्यादा टिकट

जिनके कामकाज को लेकर सवाल उठ रहे हैं, उनमें ज्यादातर सांसद ऐसे बताए जा रहे हैं जो दूसरी पार्टियों से आकर 2014 में चुनाव जीते थे. इनके अलावा आरक्षित सीटों के ज्यादातर सांसद भी इ

अबकी लोकसभा चुनाव में मोदी के नहीं योगी के मंत्री आजमा सकते हैं अपनी किस्मत

स श्रेणी में बताए जा रहे हैं.

योगी के ये मंत्री लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव

माना जा रहा है बीजेपी योगी सरकार के 10-12 मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतार सकती है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक रीता बहुगुणा जोशी, बृजेश पाठक, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान, एसपी सिंह बघेल सहित कई ऐसे नाम हैं जो चुनाव मैदान का रुख कर सकते हैं.

जानकारी ये भी है कि अगले दो-तीन दिनों में बीजेपी पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों का ऐलान कर सकती है. माना जा रहा है की पार्टी अपने सभी उम्मीदवारों को 1 महीने से ज्यादा चुनाव प्रचार का वक्त देगी.

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बीजेपी ने कराए कई सर्वे

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर कई तरह के सर्वे कराए हैं. नमो ऐप पर कराए गए सर्वे के अलावा आरएसएस ने अपनी तरफ से सर्वे किए हैं. जबकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भी ज्यादातर सांसदों के फीडबैक अलग से भेजे गए हैं. इसके अलावा कुछ एजेंसियों ने भी बीजेपी के लिए सर्वे किए हैं. इन सभी सर्वे में एक बात निकलकर सामने आ रही है कि अगर बीजेपी को उत्तर प्रदेश जीतना है तो जिन सांसदों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है, उनका टिकट काटना ही होगा. अब देखना होगा कि बीजेपी के कौन सांसद अपना टिकट गंवाते हैं. यूपी में सभी सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण के तहत पश्चिमी यूपी की 8 आठ सीटों पर 11 अप्रैल को मतदान होना है.

 

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