जवानी भर हुई खूब जोर-आजमाइश, बुढापे में परवान चढ़ी मोहब्बत
बाराबंकी। ऐसा कहा जाता है कि लोग फिल्मों की दुनिया से प्रेरित रहते हैं। वहीं बहुत से लोगों का मानना यह है कि फ़िल्में असल जिन्दगी के पहलुओं को ही आधार लेकर बनाई जाती हैं। लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे न तो जल्द ही किसी ने असल जिन्दगी में देखा होगा न ही फिल्मों में। अजब प्रेम की इस गजब कहानी को जानकार युवा भी मौजूदा समय में इस जोड़े की बराबरी नहीं कर पाएंगे। इस वृद्ध जोड़े ने जवानी भर परखने के बाद अंतिम समय में शादी करने का मन बनाया। कमाल की बात यह है कि इस आजमाइश में उनके बच्चे भी हुए और उनकी शादी भी हुई पर इस जोड़े का लिव इन रिलेशन जारी रहा।
मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से 40 किलोमीटर दूर भानपुर का है। बीते शनिवार को 75 साल के सुकरू रावत और 62 वर्षीय राजपता देवी ने यहां शादी की।
इस शादी में विवाहित जोड़े के पौत्र और पौत्री तक शामिल हुए। इस समारोह में जमकर लोगों ने हिंदी फिल्मों के गाने पर डांस किया। इस विवाह में राजपता देवी के भाइयों ने भी शिरकत की।
अपनी शादी के लिए सुकरू रावत ने शादी के सारे इंतजाम किए थे। उन्होंने गांव की पंचायत के मुखिया और दूसरे चुने गए प्रतिनिधियों को भी अपनी शादी का न्यौता दिया था।
ये दोनों एक परिवारिक कार्यक्रम में मिले थे और इन दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया।
ख़बरों के मुताबिक़ सुकरू रावत एक किसान हैं और पिछले 50 सालों से राजपता देवी से प्यार कर रहे हैं। इन दोनों के पांच बच्चे हैं और सभी की शादी हो चुकी है।
सुकरू रावत ने बताया कि कई बार मैंने राजपता से शादी करने की सोची। पर यह कभी भी संभव नहीं हो सका। कई बार मेरे पास पैसे तक नहीं थे। पर अब शादी के बाद मैं सुकून की सांस ले सकता हूं और अच्छा महसूस कर रहा हूं।
आखिर बिना नाम के मोह्हबत के रिश्ते को निभाने के बाद अंतिम समय में अपने रिश्ते को नाम देना भी तो जरूरी था।