लखनऊ के दो अलग अलग जगहों पर पुलिस की घूसखोरी का वीडियो हुआ तेजी से वायरल…

रिपोर्टर – शिवा शर्मा

लोकेशन – लखनऊ

लखनऊ के दो अलग अलग जगहों पर पुलिस की घूसखोरी का वीडियो वायरल हुआ है जिसके बाद एसएसपी में सख्त कार्यवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जाँच दिए है लेकिन सवाल ये की आखिर सोशल मीडिया पर ही खाकी की फ़ज़ीहत होने के बाद कार्यवाही किन नहीं हो रही हैं।

 

 

लखनऊ में अपराधियों को क्लीन चित देने के नाम पैसा वसूली का ये कोई पहला मामला नहीं है लेकिन बार बार ऐसे किस्से अगर सोशल मीडिया पर वाइरल हो तो खाकी की फ़ज़ीहत होना लाज़मी है। जहां लखनऊ के काकोरी थाने में तैनात दरोगा अनिल अवस्थी का एक ऐसा ही ऑडियो सोशल मीडिया पर वाइरल हुआ जिसमे दरोगा जी जालसाज़ी मामले में फंसे आरोपी अय्यूब से 1 लाख घूस मांग रहे है और उसे राहत देने की बात कर रहे है, और तो और बताया की मामला बोहोत ऊपर तक पहुंच चुका है और एसएसपी के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई है। लिहाज़ा उनके हाथ में अब कुछ नहीं है |

 

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वाइरल ऑडियो में आरोपित जालसाज़ ये भी कह रहा है की पहले भी इसी ज़मीनी मामले में फंसे उसने कुछ रकम एक शख्श के द्वारा पुलिस तक पहुंचाई थी। लेकिन दरोगा जी कहा कि हमारे पास आपको कोई भी पैसा नहीं पहुंचा। हमारे हाथ में कुछ नहीं है पैसा ऊपर के अधिकारियो तक जाता है |

 

दरअसल एक ही प्लाट की दो बार रजिस्ट्री मामले में काकोरी थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसमे निशातगंज निवासी मनोज कक्कड़ ने काकोरी निवासी अय्यूब व् उसकी पत्नी सैदा फातिमा के खिलाफ दोखादड़ी मामले में मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन जाँच का हवाला देते देते उच्च अधिकारियो के आदेश पर काकोरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज दिया लेकिन जालसाज़ी के मामले में फंसे आरोपित अय्यूब ने दरोगा अनिल अवस्थी से बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया लिहाज़ा सोशल मीडिया पर एक लाख की घूस मांगने वाले दरोगा अनिल अवस्थी को सस्पेंड करते हुए मांमले की जाँच एसपी ग्रामीण को सौप दी है |

वही ठाकुरगंज इलाके में ट्रैक्टर-ट्रॉली पास कराने के एवज में हेड कांस्टेबल का वीडियो भी सोशल मीडिया पर आज सुबह ही वाइरल हुआ जिसमे हेड कांस्टेबल 200 रुपये की घूस लेते हुए ट्रैक्टर ट्रॉली को जाने के लिए कहा। यह मामला ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के भुहर चौकी के पास का है।

इस मामले में भी सोशल मीडिया पर लखनऊ पुलिस की किरकिरी होने के बाद एसएसपी ने मामले का संज्ञान लिया और न सिर्फ दोषी हेड कांस्टेबल मनिंदर यादव बल्कि चौकी इंचार्ज रिंग रोड दरोगा विजय सिंह को ससपेंड कर दिया है और मामले की लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी नीरज ओझा को लाइन हाज़िर कर दिया है।

गौरतलब है की सोशल मीडिया पर अक्सर यूपी पुलिस समेत लखनऊ पुलिस की कई बार घूसखोरी मामले में सुर्खिया बटोर चुकी है जिसके बाद ही अफसर कार्यवाई की सुध लेते है।

हाल ही मड़ियांव थाने की आईआईएम रोड पर घैला चौकी के पास एक दीवान भी ट्रैक्टर-ट्रॉली से 40 रुपये की घूस लेते हुए कैमरे में कैद हुआ था जिसके बाद ट्विटर और व्हाट्स एप्प पर लखनऊ पुलिस की घूसखोरी के चर्चे सुर्खिया बटोर रहे थे,. और फिर आनन-फानन में डैमेज कण्ट्रोल करने कांस्टेबल और चौकी इंचार्ज पर गाज गिराते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया था और इंस्पेक्टर मड़ियाव संतोष सिंह को लाइन हाज़िर दिया था।

दरअसल सोशल मीडिया पर घूसखोरी और पुलिस की बर्बरता के किस्से खाकी की साख पर पलीता लगा रहे है ऐसे में में ज़रुरत है अधिकारियो को,फाॅर्स में तैनात पुलिसकर्मियो को अनुशाशन का पाठ पढ़ाने की और ज़िम्मेदार पुलिस फाॅर्स बने रहने की। .. ताकि जनता का विश्वास खाकी पर बरकरार रहे ||

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