आम हुआ रेल बजट, टूटी 92 साल पुरानी परंपरा
दिल्ली। मोदी सरकार ने बुधवार को आम बजट से अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया। देश मेंं अब आम बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया जाएगा। मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर भी चर्चा की गयी कि आम बजट को संसद में फरवरी के अाख्रिरी कार्य दिवस में पेश करने की बजाए उससे पहले पेश किया जाए जिससे बजट की प्रक्रिया को समय से पूरा किया जा सके।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही इसके पक्ष में बोल चुके हैं। इस फैसले के मददेनजर संसद का बजट सत्र अब 25 जनवरी से पहले बुलाया जा सकता है। फिलहाल फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट सत्र शुरू होता है।
इस प्रकार, अब बजट की तैयारियां अक्तूबर के प्रारंभ में ही शुरू हो जाएंगी। जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का अग्रिम अनुमान सात जनवरी को उपलब्ध होगा जो फिलहाल सात फरवरी को प्रस्तुत किया जाता है।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि सरकार कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए 2017-18 के बजट सत्र की तारीख के बारे में फैसला अलग से करेगी।
However its functional autonomy will continue to be maintained: FM Arun Jaitley on Rail budget to be amalgamated with General budget pic.twitter.com/oVCSREsZCQ
— ANI (@ANI) September 21, 2016
मंत्रिमंडल ने 2017-18 के बजट में योजना और गैर-योजना व्यय में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है। जेटली ने कहा कि सरकार बजट पेश करने और उसे पारित कराने की प्रक्रिया पहले शुरू करने के पक्ष में है। ताकि पूरी प्रक्रिया 31 मार्च से पहले सम्पन्न की जा सके। इससे सार्वजनिक वित्त पर आधारित योजनाओं पर व्यय एक अप्रैल से शुरू हो सके।