रावत सरकार में निजी पैरामेडिकल संस्थान की मनमानी, मिला कार्रवाई का आश्वासन

निजी पैरामेडिकलदेहरादून- राज्य के डेढ़ दर्जन से अधिक निजी पैरामेडिकल संस्थान अपने मनमाने ढंग से छात्र-छात्राओं से शुल्क वसूल कर रहे हैं। इन संस्थानों ने अभी तक प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति से शुल्क तय कराने की कोई बात नहीं किया है। इससे नाराज समिति ने चिकित्सा शिक्षा महकमे से उक्त संस्थानों में शुल्क से संबंधित तमाम अभिलेख तलब कर अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वहीं समिति ने राज्य के सभी निजी नर्सिग कॉलेजों के लिए समान शुल्क तय करके एक झटका दिया है। अब निर्धारित से ज्यादा शुल्क लेने वाले कॉलेजों पर समिति का शिकंजा कसना तकरीबन तय है। जो भी संस्थान अपने मनमाने ढंग से शुल्क लेगा उस पर समिति कार्रवाई करेगी।

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निजी पैरामेडिकल संस्थान शुल्क के मामले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित प्रवेश एवं शुल्क समिति को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। समिति ने इन संस्थानों के लिए अभी तक कोई शुल्क तय नहीं किया है। इस पर समिति के अध्यक्ष जस्टिस गुरमीत राम ने आश्चर्य जताया। समिति अध्यक्ष ने राज्य में संचालित पैरामेडिकल संस्थानों के शुल्क तय करने के लिए अपनाई जा रही नीति और संस्थानों में निर्धारित शुल्क का पूरा ब्योरा तलब किया है। इसे समिति की अगली बैठक में पेश किया जाएगा। समिति के सदस्य सचिव व अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा डॉ रणबीर सिंह ने बताया कि उक्त संबंध में समिति अध्यक्ष ने चिकित्सा शिक्षा महकमे को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।

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यही नहीं समिति ने शुल्क तय कराने से कन्नी काट रहे निजी नर्सिग कॉलेजों को झटका दिया है। हर तीन साल में नए सिरे से शुल्क निर्धारित कराने की बाध्यता के बावजूद कई कॉलेजों ने समिति को प्रस्ताव नहीं दिए। जिन कॉलेजों ने प्रस्ताव दिए, उनमें से कई अपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अनानुदानित निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थाओं (प्रवेश एवं शुल्क निर्धारण विनियम) अधिनियम में दोबारा शुल्क तय कराते वक्त मौजूदा शुल्क ढांचे में तकरीबन 25 फीसद वृद्धि का प्रावधान है। इसमें 15 फीसद वृद्धि वार्षिक वृद्धि एवं 10 फीसद वृद्धि मुद्रास्फीति के तहत अनुमन्य की गई है। उन्होंने बताया कि निजी कॉलेजों के अधूरे प्रस्ताव अथवा प्रस्ताव देने से कन्नी काटने की प्रवृत्ति के चलते समिति ने वर्ष 2017-18 से 2019-20 यानी तीन वर्ष के लिए सभी कॉलेजों के लिए एकसमान फीस तय कर दी है। इसमें न्यूनतम वृद्धि की गई है। अब छात्र-छात्राओं से तय शुल्क से ज्यादा वसूल करने पर संबंधित कॉलेज पर शिकंजा कसा जाएगा।

समिति ने निजी नर्सिग कॉलेजों के लिए तय किया ये सालाना नया शुल्क (रुपये)

पाठ्यक्रम, राज्य कोटा, प्रबंधकीय कोटा

एएनएम, 41800, 52800

जीएनएम, 44000, 55000

बीएससी नर्सिग, 61600, 72600

 

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