
सुनील सोनकर
मसूरी। उत्तराखण्ड में अगर शिक्षा की बात करे, तो प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिये खासकर पहाडी क्षेत्रो में कई योजनाये बनाई जा रही है, परन्तु अगर सरकारी स्कूलों की बात करे तो ज्यादातर स्कूलों के हाल बेहाल है। छात्र-छात्राओं को क्षतिग्रस्त भवनों के साथ टाट-पट्टी पर बैठ कर पढाई करनी पड़ रही है। ऐसे ही हालात उत्तराखण्ड की राजधानी से मात्र कुछ दूरी पर स्थित राजकीय इंटरमीडिएट कालेज बूसाखण्ड की है।
राजकीय इंटरमीडिएट कालेज बूसाखण्ड में कमरे तो कई है, लेकिन कुछ की हालत इतनी बहुत खराब हो गयी है कि वह कमरे क्षतिग्रस्त होने के कगार पर आ गए है, उन्हीं में निर्माण सामग्री रखी है। अध्यापक खुद तो कुर्सी पर बैठ कर पढ़ाती है, तो वहीं बच्चें टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है। स्कूल में करीब 250 छात्र-छात्रायें है।
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कालेज के प्रधानाचार्य को साथ शिक्षक भी इस संबध में बोलने को तैयार नही है, वही कालेज के आसपास गंदगी का डेर लगा हुआ है जिससे बिमारी फैलना का खतरा है लेकिन ना तो स्कूल प्रशासन को और ना ही संबधित विभाग को इससे कुछ लेना देना है।
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बता दें कि राजकीय इंटरमीडिएट कालेज बूसाखण्ड मसूरी विधायक गणेश जोशी की विधानसभा क्षेत्र में पडता है, परन्तु उनके द्वारा भी कालेज की हालत को सुधारने के लिये कोई ठोस कदम नही उठाया गया है, जिससे अभिवावकों में उनके प्रति रोष व्याप्त है।
कालेज में दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनको स्कूल आने जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पडता है। खासकर बारिश के दिनों में कई बार पहाड़ से तत्थर गिरते है, जिनसे किसी तरह से बच-बचा वह कालेज पहुंचते है और कई बार ऐसा होता है कि वह कालेज पहुंचते है परन्तु कालेज में शिक्षक ही नही होते है।