संसदीय सचिवों के पद को लेकर मेघालय उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस
शिलांग। मेघालय उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिवों के पदों के मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैद की खंडपीठ ने बुधवार को राज्य में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।
यह नोटिस सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असम में 2004 में अधिनियमित किए गए एक कानून को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद आया है, जिसमें संसदीय सचिवों की नियुक्ति की इजाजत दी गई थी और इन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था।
न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए.एम. सप्रे की खंडपीठ ने 26 जुलाई को कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 194 राज्य विधानमंडल को स्पष्ट तौर पर ऐसे पद (संसदीय सचिव जैसे पद) बनाने के लिए अधिकृत नहीं करता।
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उच्च न्यायालय ने कहा, “पूर्वोक्त निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित कानून को देखते हुए इस मामले पर जल्द से जल्द विचार की आवश्यकता है।”
पीठ ने केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग के अलावा राज्य के 17 संसदीय सचिवों को भी नोटिस जारी किया।
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याचिकाकर्ता मदल सुमर ने कहा कि संसदीय सचिवों को नियुक्ति संविधान में वैध स्थान नहीं पा सकती और यह संविधानेत्तर है व अवैध है।
सुमर ने कहा, “देश में कोई कानून नहीं है जो मुख्यमंत्री को किसी को किसी पद पर नियुक्त करने या शासन में किसी पद की शपथ दिलाने का अधिकार देता हो।”