इन चीजों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है मिनरल्स और कार्बोहाइड्रेट

हम हमेशा शरीर के लिए प्रोटीन, विटामिंस और कार्बोहाइड्रेट आदि की बात करते हैं। जबकि मिनरल्स हमारे के लिए एक बहुत जरूरी तत्व होता है। इसके बावजूद हम हमेशा से उसे इग्नोर करते आए हैं। इसका कारण यह है कि अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि शरीर के लिए मिनरल्स की क्या जरूरत है।

मिनरल्स और कार्बोहाइड्रेट

शरीर को अच्छी तरह से काम करने के लिए मिनरल्स की बहुत जरूरत होती है। मिनरल्स हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही मांसपेशियों को भी दुरुस्त करते हैं। अगर शरीर में मिनरल्स की पूर्ति हो तो इससे हॉर्मोंस भी अच्छी तरह अपना काम कर पाते हैं।

हमारे भोजन में कई ऐसे मिनरल यानी खनिज तत्व मौज़ूद होते हैं, जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं। मांसपेशियों के संकुचन (कांट्रेक्शन) को नियंत्रित करना और शरीर में एसिड का संतुलन बनाए रखना भी मिनरल्स की जि़म्मेदारी है।

इन मिनिरल्स की होती है सबसे ज्यादा जरूरत
मैग्नीशियम मेटाबॉलिज़्म, ब्लड शुगर को एनर्जी में बदलने, रक्तचाप और हृदयगति को सही बनाए रखने में मदद करता है। यह कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। मैग्नीशियम की कमी से माइग्रेन, डिप्रेशन या मसल क्रैंप्स की समस्या हो सकती है।

मैग्नीशियम पाने के लिए आपको भोजन में हरी सब्जि़यां, बादाम, होल ग्रेन या केला शामिल करें।
फॉस्फोरस हड्डियों में कैल्शियम फॉस्फेट के रूप में जमा होता है। दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए यह ज़रूरी है। इसकी कमी से जोड़ों में जकडऩ, थकान, हड्डियों में दर्द होता है। शरीर में फॉस्फोरस दाल, नट्स, दूध, चीज, अंकुरित अनाज, मीट व फिश में मौज़ूद होता है।

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मैग्नीज़ की कमी से कमज़ोर याददाश्त और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए अनाज, मटर, चाय, कॉफी और किशमिश का सेवन करें।
अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम के लिए जि़ंक एक ज़रूरी तत्व है। यह आपके बालों, त्वचा व नाखूनों को भी पोषण प्रदान करता है। जि़ंक की कमी हो तो सर्दी-ज़ुकाम भी जल्दी होने लगता है। इसके लिए साबुत अनाज, दूध, फलियां, सी-फूड, दाल या तिल का सेवन करें।
शरीर में प्रोटीन के निर्माण के लिए सल्फर ज़रूरी है। यह एंटी-एजिंग तत्व है। सल्फर त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है। यह धूप-धूल और प्रदूषण से कोशिकाओं की रक्षा करता है। गोभी, मिल्क प्रोडक्ट्स, बादाम, अखरोट जैसे मेवे, अंडा और मछली।
जिससे शरीर के फ्लूइड्स रेगुलेट होते हैं। यह ब्लड प्रेशर, हृदयगति, नर्व इम्पल्स को नियमित रखता है। पोटैशियम की कमी से मांसपेशियों की कमज़ोरी और नॉजि़या हो सकती है। इसके लिए नारियल पानी, केला, दूध, मछली और दाल का भारी मात्रा में सेवन करें।

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अच्छे पाचन और नर्व फंक्शन के लिए कोबॉल्ट मिनरल की ज़रूरत होती है। विटमिन बी-12 के अवशोषण के लिए भी यह ज़रूरी होता है। कोबॉल्ट की कमी से नज़र की कमज़ोरी, याददाश्त की कमी, सिर चकराना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दूध और रेड मीट में कोबॉल्ट होता है।
डिस्क्लेमर मिनरल्स की आवश्यकता भले ही माइक्रोग्राम्स में हो मगर शरीर के लिए ये सभी चीज़ें ज़रूरी हैं। हालांकि संतुलित और पौष्टिक भोजन से इनकी ज़रूरत पूरी हो जाती है, इसलिए नियमित खानपान में पोषक तत्वों का ध्यान रखना ज़रूरी है।

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