मिड-डे मील की रिपोर्ट ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सहित इन 6 राज्यों पर लगाया लाखों का जुर्माना

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले ‘मिड डे मील’ का ब्योरा ना देने वाले राज्यों पर कार्रवाई की है। कोर्ट ने राजधानी दिल्ली समेत 6 राज्यों पर अपने राज्यों के मिड-डे मील योजना का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराने पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दिल्ली के अलावा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर पर भी जुर्माना लगाया है।

जस्टिस मदन बी. लोकुर, दीपक गुप्ता और हेमंत गुप्ता की तीन सदस्यी पीठ ने मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पर योजना से जुड़ी जानकारी नहीं मुहैया कराने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जबकि अन्य पांचों राज्य पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

अदालत ने कहा कि जुर्माने की रकम को सर्वोच्च न्यायालय के कानूनी सेवा समिति के पास चार हफ्तों के अंदर जमा कराई जाए, जो किशोरों के न्याय के मुद्दे पर खर्च की जाएगी।

यह आदेश अंतर्राष्ट्रीय मानवादिकार निगरानी परिषद द्वारा दाखिल पीआईएल (जनहित याचिका) पर दिया गया है, जिसमें अदालत का ध्यान इस योजना के कार्यान्वयन में गड़बड़ियों की तरफ खींचा गया था।

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अदालत ने कहा कि मिड-डे मील बच्चों के लिए काफी लाभदायक था। हम राज्यों की सहायता करने और सभी डेटा को अपलोड करने की कोशिश कर रहे थे, ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें। लेकिन हमारे कई आदेशों के बावजूद कुछ राज्यों की तरफ से बहुत कम या कोई सहयोग नहीं दिया जा रहा है।

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अदालत ने कहा कि कुछ राज्यों ने इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया है। अदालत ने कहा, “आकड़े मुहैया नहीं कराए गए और याचिककर्ता ने आरोप लगाए हैं कि स्कूलों तक भोजन नहीं पहुंचाया जा रहा है।”

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