राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में हीरे तलाश रहे हैं रोनाल्ड

महिला मुक्केबाजीहरिद्वार| नवगठित भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के तत्वावधान में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अमेरिका के रोनाल्ड सिम्स को आप खिलाड़ियों से बात करते हुए उन्हें शाबाशी देते हुए आसानी से देख सकते हैं।

महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप

इस महिला मुक्केबाजी में वह एक-एक मुकाबले को बड़ी बारीकी से देखते हैं और हर खिलाड़ी पर उनकी पैनी नजर होती है।

दरअसल, पेशेवर मुक्केबाज रह चुके रोनाल्ड जेएसडब्लयू स्पोर्ट्स अकादमी में कोच हैं और वह अकादमी के लिए प्रतिभाशाली मुक्केबाजी की तलाश कर रहे हैं ताकि वह उन्हें वहां ले जाकर और निखार सकें।

गौरतलब है कि जूनियर विश्व चैम्पियनशिप जीतने वाली निखत जरीन का प्रायोजक जेएसडब्लयू ही है और सिमंस उनकी अकादमी में निखत के कोच हैं। वह चाहते हैं कि निखत जैसी और प्रतिभाओं को अकादमी की तरफ से मदद मिले जिससे उनके खेल के स्तर और सुधारा जा सके।

रोनाल्ड ने कहा, “मेरे यहां आने की पहली प्राथमिकता निखत जरीन है। लेकिन इसके अलावा मेरी नजरें दूसरे मुक्केबाजों पर भी हैं। मैं उन्हें ढूंढ कर जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स अकादमी में ले जाना चाहता हूं ताकि हम उनके खेल को और बेहतर कर सकें और उन्हें ओलम्पिक में पदक जीतने लायक बना सकें।”

हालांकि वह खुद व्याक्तिगत तौर पर जा कर खिलाड़ियों से अकादमी में शामिल होने की बात नहीं कहते, इसके लिए वह अपने सहायक से कहते हैं।

पेशेवर मुक्केबाजी में 11 मुकाबले खेलने वाले रोनाल्ड का मानना है कि भारतीय मुक्केबाजी स्तर को और बेहतर करने के लिए और ज्यादा प्रतियोगिताओं की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “आप को बेहतर होने के लिए और खेल में सुधार करने के लिए मैच खेलने बहुत जरूरी हैं, सिर्फ अभ्यास करने से काम नहीं चलता। मैंने सुना है कि भारत में सिर्फ राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर ही प्रतियोगिताएं होती हैं। अगर आपको विश्व स्तर पर अपना नाम करना है तो प्रतियोगिताओं की तादाद में इजाफा करना होगा ताकि बेहतर परिणाम निकल सकें।”

रोनाल्ड ने यहां कई मुकाबले देखे हैं और इन्हें देखने के बाद उन्हें लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों को सुधार करने के लिए अपनी तकनीक और संतुलन पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यहां कई खिलाड़ी काफी अच्छी हैं और अच्छा करना चाहती हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अपने स्तर को और बढ़ाना होगा।

अमेरिका के इस पूर्व मुक्केबाज ने कहा, “मेरा मानना है कि भारतीय मुक्केबाजों को तकनीक और संतुलन पर काम करने की जरूरत है। मैंने यहां कई खिलाड़ियों को देखा जिनमें इन दोनों चीजों की कमी थी। तकनीक और संतुलन मुक्केबाजी में सबसे अहम हैं।”

पिछले दो महीनों से निखत को प्रशिक्षण दे रहे रोनाल्ड ने उनकी जमकर तारीफ की और कहा कि वह मानसिक तौर पर बहुत मजबूत हैं साथ ही उनके पास अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने का दम भी है।

उन्होंने कहा, “निखत मानसिक तौर पर बेहद मजबूत हैं। उनकी तकनीक भी शानदार है। हां हमें थोड़ा उनकी तकनीक और संतुलन पर काम करने की जरूरत है। वह प्रतिदिन अपने खेल में सुधार कर रहीं और पहले से बेहतर होती जा रही हैं।”

रोनाल्ड ने 1985 से 1997 तक मुक्केबाजी की है। वह 1988 से अमेरिका की मुक्केबाजी टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने अपने देश के लिए 32 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। इसके बाद वह पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ मुड़ गए, जहां उन्होंने 11 मुकाबले खेले और सभी में जीत हासिल की जिसमें से आठ मुकाबले उन्होंने नॉकआउट कर जीते।

LIVE TV