महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली एक्टिविस्ट को सऊदी अरब में 6 साल की सजा

सऊदी अरब में महिला के समान की आवाज उठाने वाली 31 साल की सामाजिक कार्यकर्ता लूजैन अल-हथलौल को लगभग 6 साल की सजा सुनाई गई हैं। लुजैन को 2018 में ही हिरासत में ले लियस गया था,हिरासत में लेने के बाद अब उन्हें 5 साल 8 महीने की सजा सुनाई गयी। The Guardian की खबर के मुताबिक लूजैन को किंगडम के खिलाफ षड्यंत्र रचने और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रचने के आरोप में हिरासत में लिया गया था और उन्हें इसी मामले में सोमवार को एक कोर्ट ने यह सजा सुनाई.

हालांकि, कोर्ट ने उनकी सजा में से 2 साल और 10 महीने की अवधि को घटा दिया है और सजा शुरू होने की तारीख मई, 2018 कर दी है, जब उन्हें हिरासत में लिया गया था. ऐसे में लूजैन को अब बस तीन महीने ही जेल की सजा काटनी होगी. इस केस में सऊदी के प्रॉसिक्यूटर्स पर लूजैन को शारीरिक और यौनिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इसके कोई सबूत नहीं मिले हैं।

यह केस सऊदी अरब के समान के लिए जोखिम भरा हैं खासकर, तब जब अमेरिका में जो बाइडेन की सरकार आ गई है. अगर लूजैन को ज्यादा लंबी सजा सुनाई जाती तो दोनों देशों के संबंधों में खटास आ सकती थी. हालांकि, लूजैन के मामले में पहले से सऊदी अंतरराष्ट्रीय मंच के निशाने पर रहा है. सजा को लेकर भी उसकी आलोचना की जा रही है।

UN ह्यूमन राइट्स ने इसपर ट्वीट कर इसे ‘परेशान करने वाला’ कदम बताया है और कहा है कि उसे उम्मीद है कि लूजैन को जल्द से जल्द रिहा कर दिया जाएगा।

Al-Jazeera की खबर के मुताबिक, लूजैन की बहन लीना हथलौल ने कहा कि ‘मेरी बहन आतंकवादी नहीं है. वो एक सामाजिक कार्यकर्ता है. जिन सुधारों की मोहम्मद बिन सलमान और सऊदी किंगडम वकालत करते हैं, वो उसकी लड़ाई लड़ रही है, और फिर उसी के लिए सजा सुनाया जाना हद दर्जे का दोगलापन है।

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