
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से पूरी तरह से ठीक होने के बाद सांगली में मिराज अस्पताल से 94 वर्षीय एक महिला को छुट्टी दे दी गई है।
इस बीच, महाराष्ट्र में नागपुर के ग्रामीण इलाकों में शराब की दुकानें आज से खुली हैं। दुकान खुलते ही शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतारें। जिला कलेक्टर रविंद्र ठाकरे ने जिले के ग्रामीण और नगरपालिका परिषद क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी है।
वहीं, 112 पुलिस अधिकारियों को मिलाकार महाराष्ट्र पुलिस के 1,061 कर्मियों का कोरोना वायरस टेस्ट अब तक पॉजिटिव आया है। संक्रमित पुलिस कर्मियों में से अब तक कुल 174 ठीक हो चुके हैं, वहीं 9 की जान चली गई।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में वीरवार को एक दिन में रिकॉर्ड 1,495 नए मामले सामने आए हैं। इनमें एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी माने जाने वाली मुंबई की धारावी बस्ती में 66 नए मामले शामिल हैं। धारावी में अब तक एक हजार से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है। इस बस्ती में कोरोना के बढ़ते मामले सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं। राज्य में संक्रमितों की संख्या 25,922 हो गई है। अब तक 975 लोगों की मौत भी हुई है।
इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य की जेलों के प्रमुख को नोटिस भेजा है। कोविड-19 महामारी को देखते हुए जेल से कैदियों को रिहा करने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने को लेकर आयोग ने नोटिस भेजा है। जेल निगरानी से जुड़े आयोग के सदस्य माजा दारुवाला ने इसकी शिकायत की थी।
आयोग ने एक बयान में कहा है, ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लिया है। शिकायत में कहा गया है कि महाराष्ट्र की सरकार ने कैदियो की रिहाई के संबंध में अनुपयुक्त रुख अपनाया है। इससे कई कैदी कोविड-19 की चपेट में आ सकते हैं।’ जेलों में भीड़ कम करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने जो नीति अपनाई है वह सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए दिशानिर्देश की गलत व्याख्या के कारण यह हुआ है। आर्थर रोड जेल में 144 कैदियों की जांच हुई जिनमें 26 कर्मचारियों समेत 103 पॉजिटिव पाए गए।