महंत रामानंद ने लगाया अपने सहयोगियों पर आरोप, कहा- संपत्ति हड़पने के लिए बनाया बंधक

देहरादून। श्री गुरु निरंजन देव वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष महंत रामानंद पुरी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने अपने सहयोगियों पर आरोप लगाया है कि उनके सहयोगियों ने आश्रम की सौ करोड़ की सम्पति हड़पने के लिए उन्हें छह माह तक बंधक बना कर रखा।

महंत रामानंद

उन्होंने ट्रस्ट के कुछ लोगों पर आरोप लगाया कि फर्जी इस्तीफे से ट्रस्ट की सभी संपत्तियों को स्वयं के नाम कर लिया है। महंत ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने सीएम और डीजीपी को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की है।

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दरअसल महंत ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पास अध्यक्ष वेलफेयर सोसायटी, रामानंद इंस्टीट्यूट, सचिव निरंजनी अखाड़ा, अध्यक्ष मां मनसा देवी मैनेजिंग ट्रस्ट समेत कई शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी थी। 2006 से इन संस्थानों में अपनी जीवन की जमा-पूंजी लगाई।

वर्तमान में उनके पास करीब सौ करोड़ की संपत्ति है, इसका दूसरा हिस्सेदार नहीं है। उन्होंने इस बात का खुलासा करते हुए कहा की आश्रम और ट्रस्ट के सदस्यों की संपत्ति पर नजर थी। इसके लिए उन्होंने 14 सितंबर 2017 को गंभीर बीमार बताते हुए इलाज कराने की सलाह दी।

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जिसके बाद दो माह तक हरिद्वार और चार माह तक इलाहाबाद स्थित ट्रस्ट की प्रॉपर्टी की देख-रेख करने के बहाने कमरे में बंधक बनाकर रखा। उन्होंने ट्रस्ट के कुछ लोगों पर आरोप लगाया कि फर्जी इस्तीफे से ट्रस्ट की सभी संपत्तियों को स्वयं के नाम कर लिया है।

महंत ने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है। साथ ही सीएम और डीजीपी को पत्र लिखकर मामले को संज्ञान में लेते हुए पूर्ण जांच की मांग की है। फिलहाल, निकेतन के अधिकारियों ने मामले की सूचना नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस को भी दे दी है।

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