भूलकर भी न नहायें इस नदी में, नहाते ही आपके बालों का रंग हो जायेगा हरा…

हमारे देश में कई सारी पवित्र नदियां है। इन नदियों के प्रति लोग काफी आस्था भाव रखते हैं।

खासकर हिंदू धर्म में लोगों का ऐसा मानना है कि इन पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है या नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धूल जाते हैं।

सच्चाई का तो पता नहीं लेकिन सदियों से लोग अपने मन में इन नदियों के प्रति श्रद्धा भाव रखते आ रहे हैं। लेकिन अब उनकी ये आस्था उन पर ही भारी पड़ रही है।

भूलकर भी न नहायें इस नदी में

अब अगर एक डुबकी से आपके बाल हरे हो जाए या त्वचा खराब हो जाए तो लोग आस्था को बड़ी ही आसानी से और बिना किसी संकोच के ताक पर रखने से बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाएंगे।

हम यहां बात कर रहे हैं मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के बारे में जहां स्नान करने से लोगों के बाल हरे हो रहे हैं।

उज्जैन में स्थित इस नदी में इस समस्या के कारण लोग नदी में डुबकी लगाने से कतरा रहे हैं। यहां स्नान करने से न केवल लोगों के बाल हरे हो रहे हैं बल्कि त्वचा संबंधी रोगों की समस्या भी बढ़ रही है।

यहां स्थिति इस हद तक खराब है कि कुछ घाटों में लोगों का खड़ा रहना भी मुश्किल है। ऐसा होने के पीछे का मुख्य कारण नदी में प्रदूषण के स्तर का बढ़ना है।

वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदूषण के चलते पानी में आॅक्सीजन की मात्रा काफी हद तक कम हो गई है। शायद यही वजह है कि इस नदी में एक सप्ताह के अंदर ही 20 क्विंटल मछलियां मर चुकी है।

नदी के पास स्थित मंगलनाथ मंदिर की स्थिति प्रदूषण के पीछे की एक वजह हो सकती है। इस मंदिर में रोजाना 40 से 50 भात पूजन किए जाते हैं।

मंगलवार के दिन इनकी संख्या 200 के करीब पहुंच जाती है।

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भगवान को अर्पण करने के बाद भात को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है। भगवान को पंचामृत और दूध-जल इत्यादि भी चढ़ाया जाता है जो कि पाइप के माध्यम से नदी में मिल जाती है।

इन सारी वजहों से नदी में प्रदूषण के स्तर में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है।

शायद यही वजह है कि नदी में स्नान से लोगों के बाल हरे हो रहे हैं और लोग नदी में डुबकी लगाने से कतरा रहे हैं।

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