
नई दिल्ली| दुनिया की प्रमुख विमान विनिर्माता कंपनी बोइंग का अनुमान है कि भारत को अगले 20 साल में 2,300 नए विमान की जरूरत होगी जिनका मूल्य तकरीबन 320 अरब डालर होगा।
कंपनी द्वारा भारत के लिए पेश 2018 कमर्शियल मार्केट आउटलुक (सीएमओ) में कहा गया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के साथ-साथ बुनियादी ढांचे पर होने वाले खर्च और कम लागत वाली विमान सेवा कंपनियों में वृद्धि होगी, जिसके फलस्वरूप अनुमानित मांग की पूर्ति होगी।
हालांकि, आउटलुक में विनिमय दर में अस्थिरता, तेल की कीमत और किराये से कम आय को घरेलू उद्योग की चुनौतियां बताई गई हैं।
सीएमओ-2018 के अनुसार, भारत के व्यावसायिक विमानन उद्योग में लगातार 51वें महीने दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की गई है।
बोइंग कमर्शियल एयरप्लेंस के एशिया-प्रशांत व भारत के लिए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स) दिनेश केसकर ने कहा, “अगले दो दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 350 फीसदी की विकास दर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली है।”
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उन्होंने कहा, “इससे भारत के मध्यम वर्ग का विकास निरंतर जारी रहेगा और उसकी घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की तीव्रता में वृद्धि होगी जिससे फलस्वरूप अधिक से अधिक नए व ऊर्जा सक्षम विमानों की जरूरत होगी।”
सीएमओ ने कहा कि 2018 में भारत में हर महीने एक करोड़ से अधिक लोगों ने यात्राएं की हैं।